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भारत और जर्मनी साथ साथ हैं

नई दिल्ली। भारत के दौरे पर आए जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच दोपक्षीय संबंधों के साथ साथ दुनिया के हालात पर गंभीर चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने वार्ता के बाद कहा कि वे साथ साथ हैं। भारत और जर्मनी दोनों ने यूक्रेन में शांति की जरूरत बताई। दोनों देशों ने आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ साथ मिल कर लड़ने की प्रतिबद्धता भी जताई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- जर्मनी पूरे यूरोप में हमारा सबसे बड़ा व्यापार सहयोगी है। साथ है निवेश का स्रोत भी है। दोनों देशों के बीच गहरी समझ है। भारत और जर्मनी के बीच मजबूत संबंध एक दूसरे के हितों के साझा लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित हैं। उन्होंने कहा- आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और जर्मनी के बीच सक्रिय सहयोग है। दोनों देश इस बात पर भी सहमत हैं, कि सीमा पार के आतंकवाद को खत्म करने के लिए ठोस कार्रवाई की जरूरत है।

दोनों नेताओं के बीच रूस और यूक्रेन जंग को लेकर भी बातचीत हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- रूस-यूक्रेन जंग की शुरुआत से ही हम शांति की बात कह रहे हैं। हमने कहा है कि बातचीत करके मुद्दा सुलझाया जाए। भारत किसी भी शांति प्रक्रिया में योगदान के लिए तैयार है। वहीं, जर्मन चांसलर शोल्ज ने कहा- पुरी दुनिया रूस-यूक्रेन जंग का खामियाजा भुगत रही है। ये बड़ी तबाही है क्योंकि हम जानते हैं कि ये जंग उन इकोनॉमिक प्रिंसिपल्स का उल्लंघन करती है जिन पर हम सभी सहमत थे।

प्रधानमंत्री ने जर्मनी के साथ संबंधों की बात करते हुए कहा- भारत और जर्मनी ट्राइंगुलर डेवलपमेंट को-ऑपरेशन के तहत तीसरी दुनिया के विकास में आपसी सहयोग बढ़ा रहे हैं। पिछले कुछ सालों में हमारे बीच पीपुल-टू-पीपुल संबंध भी गहरे हुए हैं। उन्होंने कहा- पिछले साल मेरी जर्मनी यात्रा के दौरान हमने ग्रीन एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट पार्टनरशिप की घोषणा की थी। इसके माध्यम से, हम क्लाइमेट एक्शन और सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा रहे हैं।

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