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चीन के रक्षा मंत्री से राजनाथ की दो टूक!

नई दिल्ली। चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पूर्वी लद्दाख से लेकर डोकलाम तक चल रहे विवाद के बीच चीन के रक्षा मंत्री जनरल ली शांगफू भारत के दौरे पर पहुंचे हैं। वे गुरुवार को भारत पहुंचे और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। इस मुलाकात में राजनाथ सिंह ने दो टूक अंदाज में कहा कि सीमा पर शांति के बिना दोनों देशों के रिश्ते सामान्य नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि सभी विवाद मौजूदा दोपक्षीय समझौतों के दायरे में सुलझाने होंगे।

जून 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद पहली बार दोनों देशों के रक्षा मंत्री मिले हैं। उस हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे। उसके बाद से दोनों देशों के बीच सैन्य कमांडर स्तर की 18 दौर की वार्ता हो चुकी है। लेकिन शीर्ष राजनीतिक स्तर पर पहली बार दोनों देशों के बीच दोपक्षीय वार्ता हुई है। बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर की स्थिति को लेकर चर्चा हुई। दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच वार्ता के बाद कुछ बिंदुओं पर दोनों देशों की सेना पीछे हटी है, लेकिन ज्यादातर जगहों पर अब भी दोनों देशों की सेना तैनात है और सीमा के पास दोनों देश अपना बुनियादी ढांच मजबूत करने में लगे हैं।

बहरहाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत-चीन संबंधों का विकास सीमाओं पर शांति और शांति के प्रसार पर आधारित है। रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि राजनाथ सिंह ने अपने चीनी  समकक्ष से कहा कि दोनों देशों के बीच की मौजूदा संधियों के उल्लंघन से दोपक्षीय संबंधों की बुनियाद कमजोर हुई है। रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों मंत्रियों  ने सीमा पर के हालात और साथ ही दोनों देशों के दोपक्षीय संबंधों को लेकर खुल कर चर्चा की। गौरतलब है कि दोनों रक्षा मंत्रियों की मुलाकात से पहले पिछले हफ्ते भारत और चीन के बीच सैन्य कमांडर स्तर की 18वीं बैठक हुई थी।

बहरहाल, चीन के रक्षा मंत्री जनरल ली शांगफू दिल्ली में शंघाई सहयोग संगठन, एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने आए हैं। उनसे मुलाकात के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कजाकिस्तान, ईरान और ताजिकिस्तान के रक्षा मंत्रियों के साथ भी दोपक्षीय बैठकें कीं। राजनाथ सिंह की पहली दोपक्षीय बैठक कजाकिस्तान के रक्षा मंत्री जनरल रुस्लान झाक्सिल्यकोव के साथ की। इसके बाद ईरान के रक्षा मंत्री, ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद रजा घरेई अष्टियानी और ताजिकिस्तान के रक्षा मंत्री कर्नल जनरल शेराली मिर्जो से उनकी मुलाकात हुई। सबसे अंत में वे चीनी रक्षा मंत्री ली शांगफू से मिले।

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