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Corona: दुनिया हैरान भारत में कितने मरे, 42 लाख की मौत का अनुमान

ByNI Desk,
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Corona: दुनिया हैरान भारत में कितने मरे,  42 लाख की मौत का अनुमान
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण से अब तक कितने लोगों की मौत हुई हो सकती है? यह पूरी दुनिया के लिए अटकल लगाने वाला प्रश्न हो गया है। दुनिया के सर्वाधिक प्रतिष्ठित अखबारों में से एक ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने अनुमान लगाया है कि बहुत खराब स्थिति में भारत में 42 लाख लोगों की मौत हुई हो सकती है। अमेरिकी अखबार की इस रिपोर्ट के आधार पर एक ग्राफिक्स कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने साझा किया है। इसमें सरकार की ओर से बताई गई संख्या और अलग अलग स्थितियों में मौतों की संख्या के तीन अनुमान हैं। ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ की रिपोर्ट पर आधारित इस ग्राफिक्स के मुताबिक भारत में कुल तीन लाख सात हजार लोगों को मरने की खबर आई है। लेकिन अखबार का मानना है कि यह आंकड़ा सही नहीं है। अखबार के मुताबिक भारत में कम से कम छह लाख लोगों की मौत हुई है। यानी जितनी बताई गई है उससे दोगुनी मौत तो हर हाल में हुई है। इसके बाद दो अनुमान और लगाए गए हैं। अखबार के मुताबिक ज्यादा संभावना इस बात की है कि भारत में 16 लाख लोग मरे होंगे। अखबार के मुताबिक खराब स्थितियों में भारत में कोरोना संक्रमण से 42 लाख लोगों की मौत हुई हो सकती है। इस ग्राफिक्स को ट्विट करते हुए राहुल ने लिखा है- आंकड़े झूठ नहीं बोलते...भारत सरकार बोलती है। अमेरिकी अखबार ने भारत में संक्रमण के कारण हुई मौतों का अनुमान लगाने के लिए एक दर्जन विशेषज्ञों और जानकारों की मदद ली है, जिन्होंने अपने अपने मॉडल के हिसाब से आकलन किया है। इन्होंने वास्तविक संख्या के मुकाबले तीन स्थितियों की कल्पना की है और संक्रमितों की संख्या में मौत के अनुपात का अंदाजा लगाया है। इसमें सबसे खराब स्थिति में 42 लाख लोगों की मौत होने का अनुमान निकला है। इसके अलावा दुनिया और भारत में भी कई संस्थाओं को विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में संक्रमितों की संख्या और संक्रमण से होने वाली मौतों की संख्या कम बताई गई है। ज्यादातर विशेषज्ञों का कहना है कि दो या तीन सोर्स से आंकड़े जुटा कर उनका अध्ययन किया जाना चाहिए। मिसाल के तौर पर देश में हुए तीन सिरो सर्वे का हवाला दिया जा सकता है। तीसरे सिरो सर्वे के मुताबिक भारत में 27 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि आधिकारिक आंकड़ा करीब पौने तीन करोड़ लोगों के संक्रमित होने का है। इसका मतलब है कि आधिकारिक आंकड़े के नौ गुने से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं। इसी अनुपात में जब मौतों की संख्या निकाली जाती है तो आंकड़ा कम से कम पांच गुना यानी 15 लाख से ज्यादा लोगों की मौत का बनता है। वैसे विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्लुएचओ ने खुद ही अनुमान लगाया है कि दुनिया भर में कोरोना संक्रमण से होने वाली मौतों की संख्या दो से तीन गुना ज्यादा हो सकती है। भारत में इस आंकड़े को पांच गुना ज्यादा आंका जा रहा है। क्योंकि वायरस की दूसरी लहर में भारत में ज्यादा तबाही मची है। दुनिया भर के विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के गांवों में स्वास्थ्य सुविधा का बड़ा अभाव है और इस वजह से ग्रामीण इलाकों में ज्यादा मौतें हुई हो सकती हैं। यह भी एक तथ्य है कि कोरोना संक्रमण से पहले भी भारत में पांच से चार मौतें रिकार्ड नहीं की जाती थीं। संक्रमण के समय यह अनुपात बढ़ गया हो तो हैरानी नहीं होगी।
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