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आईटी नियमों पर सरकार का जवाब

ByNI Desk,
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आईटी नियमों पर सरकार का जवाब
नई दिल्ली। सोशल मीडिया कंपनियों के लिए बनाए गए नए आईटी नियमों पर केंद्र सरकार ने संयुक्त राष्ट्र संघ को जवाब दिया है। भारत सरकार ने कहा है कि नए आईटी नियम सोशल मीडिया के आम यूजर्स को ताकत देने के लिए बनाए गए हैं। केंद्र ने कहा है कि सिविल सोसायटी और दूसरे पक्षों के साथ सलाह मशविरे के बाद ही इसे अंतिम रूप दिया है। सूचना व प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने रविवार को इसकी जानकारी दी। असल में संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार परिषद के तीन विशेषज्ञों ने 11 जून को भारत सरकार को पत्र लिख कर नए आईटी नियमों पर चिंता जताई थी। उनका कहना था कि भारत में लागू किए गए नए आईटी नियम अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानदंडों के हिसाब से नहीं हैं। ये ग्लोबल ह्यूमन राइट्स का उल्लंघन करते हैं। भारत सरकार ने इससे इनकार किया है और कहा है कि इनसे आम यूजर्स को ताकत मिलेगी। गौरतलब है कि नए नियमों को लेकर अमेरिकी सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर के साथ भारत सरकार की ठनी है। भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र को बताया है कि उसने जो नए आईटी नियम बनाए हैं उसे 25 फरवरी, 2021 को अधिसूचित किया गया। 26 मई से ये नियम लागू हो गए हैं। सरकार के मुताबिक, इस कानून के तहत किसी भी मैसेज की उत्पत्ति का पता बताने के मसले पर नए बहुत कम जानकारी मांगी जा रही है। ऐसा तभी होगा जब वायरल हो रहा कोई मैसेज हिंसा के लिए उकसा रहा हो, भारत की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचा रहा हो, महिलाओं की छवि खराब कर रहा हो, बच्चों के यौन शोषण से जुड़ा हो या इन मामलों में दखल देने वाला कोई और विकल्प काम नहीं कर रहा हो, तभी सोशल मीडिया इंटरमीडियरी को यह बताने की जरूरत होगी कि यह मैसेज कहां से शुरू हुआ है।
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