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एक फीसदी अमीरों के पास 40 फीसदी संपत्ति

नई दिल्ली। देश में आर्थिक असमानता एक नए मुकाम पर पहुंच गई है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक एक फीसदी अमीरों के पास देश की 40 फीसदी संपत्ति इकट्ठा हो गई है। इसके बरक्स सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि देश की सबसे गरीब 50 फीसदी आबादी के पास देश की सिर्फ तीन फीसदी संपत्ति है। पिछले तीन साल में देश के अमीर और अमीर होते गए हैं। उनकी संपत्ति में बेहिसाब बढ़ोतरी हुई है और साथ ही देश में अरबपतियों की संख्या में भी बड़ा इजाफा हुआ है।

ऑक्सफैम ने अपनी ताजा रिपोर्ट में भारत की आर्थिक असमानता का ब्योरा दिया है। दावोस में विश्व आर्थिक मंच की सालाना बैठक शुरू होने से एक दिन पहले ऑक्सफैम ने असमानता पर अपनी सालाना रिपोर्ट जारी की। इसमें भारत के बारे में संस्था ने कई हैरान करने वाली बातें बताईं। इसमें यह भी कहा गया है कि सरकार सबसे कमजोर तबके से सबसे ज्यादा परोक्ष कर वसूल रही है। ऑक्सफैम के आंकड़ों के मुताबिक वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी में 64 फीसदी हिस्सा गरीब लोगों का होता है, जबकि सबसे अमीर 10 फीसदी आबादी का हिस्सा सिर्फ तीन फीसदी होता है। यानी सरकार गरीबों से ज्यादा टैक्स वसूल रही है और अमीरों को टैक्स से छूट दे रही है।

ऑक्सफैम इंटरनेशनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत के 10 सबसे अमीर लोगों पर पांच फीसदी टैक्स लगाने से देश के सभी बच्चों को स्कूल भेजने के लिए पूरा पैसा मिल सकता है। संस्था ने अपनी इस रिपोर्ट का टाइटल ‘सर्वाइवल ऑफ द रिचेस्ट: द इंडिया स्टोरी’ रखा है। इसमें कहा गया है- अगर भारत के अरबपतियों की कुल संपत्ति पर दो फीसदी की दर से एक बार टैक्स लगाया जाए, तो इससे देश में अगले तीन साल तक कुपोषित लोगों के पोषण के लिए 40,423 करोड़ रुपए की जरूरत को पूरा किया जा सकता है।

ऑक्सफैम ने कहा कि कोरोना की महामारी शुरू होने के बाद से नवंबर 2022 तक भारत में अरबपतियों ने अपनी संपत्ति में 121 फीसदी या 3,608 करोड़ रुपए प्रति दिन की बढ़ोतरी देखी है। दूसरी ओर वित्त वर्ष 2021-22 में जीएसटी के 14.83 लाख करोड़ रुपए में करीब 64 फीसदी हिस्सा 50 फीसदी आबादी से आया। संस्था ने कहा कि भारत में अरबपतियों की कुल संख्या 2020 के 102 से बढ़ कर 2022 में 166 हो गई है। भारत के एक सौ सबसे अमीर लोगों की कुल संपत्ति 660 अरब डॉलर यानी 54.12 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई है।

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