
नई दिल्ली। अपने दक्षिणी पड़ोसी श्रीलंका में चल रही हिंसा के बीच भारत ने कहा है कि वह श्रीलंका की मदद जारी रखेगा। साथ ही भारत ने यह भी कहा कि वह शांति और स्थिरता के पक्ष में है। श्रीलंका घनघोर आर्थिक संकट में फंसा है और अब उसका राजनीतिक संकट भी गहरा गया है। जरूरी चीजों की बढ़ती कीमत और बिजली की कटौती के खिलाफ जो आंदोलन शुरू हुआ था वह प्रधानमंत्री के इस्तीफे तक पहुंच गया है। इसे लेकर भारत ने मंगलवार को कहा कि श्रीलंका के करीबी पड़ोसी देश के रूप में भारत वहां लोकतंत्र, स्थिरता व आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाने का पूरा समर्थन करता है।
श्रीलंका की मौजूदा स्थिति के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक बयान में कहा है कि भारत की पड़ोस प्रथम की नीति को ध्यान में रखते हुए इस साल में इस कठिन स्थिति से बाहर निकलने में मदद के लिए श्रीलंका के लोगों को साढ़े तीन अरब डॉलर से अधिक की मदद दी है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा भारत के लोगों ने वहां खाने-पीने की चीजें, दवा जैसी जरूरी वस्तुओं की कमी को दूर करने के लिए मदद दी है।
बागची ने कहा कि ऐतिहासिक संबंधों के साथ श्रीलंका के करीबी पड़ोसी देश के रूप में भारत वहां लोकतंत्र, स्थिरता व आर्थिक स्थिति के पटरी पर आने का पूरा समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा श्रीलंका के लोगों के सर्वश्रेष्ठ हित में काम करेगा। गौरतलब है कि श्रीलंका पिछले एक महीने से बड़े आर्थिक संकट में फंसा है और अब प्रधानमंत्री के इस्तीफे के बाद देश गृह युद्ध की तरफ बढ़ रहा है।