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मणिपुर में 15 जून तक इंटरनेट बंद

इंफाल। मणिपुर में पिछले दो दिन से शांति है लेकिन कई इलाकों में तनाव बना हुआ है। इसे देखते हुए राज्य में इंटरनेट पर पाबंदी 15 जून तक बढ़ा दी गई है। उधर सेना लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही है और सुरक्षाकर्मियों से छीने गए हथियार बरामद कर रही है। रविवार को लगातार पांचवें दिन यह अभियान चला। सुरक्षा बलों के साझा अभियान में अब तक एक हजार के करीब हथियार बरामद हुए हैं। गौरतलब है कि तीन मई को भड़की हिंसा में सुरक्षा बलों के तीन हजार हथियार छीन लिए गए थे।

कुकी और मैती समुदाय के बीच भड़की हिंसा में अब तक एक सौ से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक करीब 50 हजार लोग राज्य में अलग अलग बने करीब साढ़े तीन सौ राहत शिविरों में रह रहे हैं। हिंसा की वजह से विस्थापित लोग अपने घर नहीं लौटना चाहते हैं। शनिवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा इंफाल पहुंचे और शांति बहाली के बारे में बातचीत की। ध्यान रहे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 29 मई से एक जून तक चार दिन मणिपुर में रहे थे।

बहरहाल, मणिपुर के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सपम रंजन सिंह ने बताया है कि राज्य में शनिवार से कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है, यह इस बात का सबूत है कि राज्य में शांति और सामान्य स्थिति लौट रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में चल रहे तलाशी अभियान में बड़ी संख्या में हथियार जब्त किए जा रहे हैं। मणिपुर में 39 दिन से जारी हिंसा में अब तक एक सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और तीन सौ से ज्यादा लोग घायल हैं।

इस बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा शनिवार सुबह मणिपुर पहुंचे। वे राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से मिले। दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच मणिपुर में जारी हिंसा पर बात हुई। दूसरी ओर गृह मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि केंद्र सरकार ने मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए राज्यपाल की अध्यक्षता में कमेटी बनाई है। कमेटी के सदस्यों में मुख्यमंत्री, राज्य सरकार के कुछ मंत्री, सांसद, विधायक और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हैं। इसमें पूर्व लोक सेवक, शिक्षाविद्, साहित्यकार, कलाकार, सामाजिक कार्यकर्ता और विभिन्न जातीय समूहों के प्रतिनिधि भी शामिल किए गए हैं।

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