दिल्ली | कोरोना की दूसरी लहर के मामलों में अब गिरावट होने लगी है। और सरकारों ने धीरे-धीरे अनलॉक की प्रक्रिया भी शुरु कर दी है। लेकिन छूट के साथ ही बाजारों में भीड़ बढ़ने लगी है। कुछ बाजारों की तस्वीरें वायरल हो रही है जिसमें लोग बिना मास्क के दिखाई दे रही है। कोरोना नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले का संज्ञान लिया। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि इस तरह की लापरवाही तीसरी लहर का आगमन बन सकती है। जिसकी अनुमति नहीं दी जा सकती है। हाईकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को इस संबंध में सचेत किया है। इस मामले में सख्त कदम उठाने को कहा है। कहा है कि आप सुनिश्चित करें कि कोई भी कोविड-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन ना करें। इस संबंध में दुकानदारों को जागरूक करें और बाजारों और विक्रेता संघों के साथ बैठक करें। इस तरह की लापरवाही तीसरी लहर का कारण बन सकती है।
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एम्स के डॉक्टर द्वारा भेजी गई तस्वीरें
जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस आशा मेनन की अवकाश पीठ ने एम्स के एक डॉक्टर द्वारा हाईकोर्ट के न्यायाधीशों में से एक को भेजी गई कुछ तस्वीरों पर ध्यान दिया। जिसमें बाजारों में रेहड़ी-पटरी वाले कोरोना नियमों का उल्लंघन करतते नज़र आ रहे है। बेंच द्वारा कहा गया कि कोरोना की दूसरी लहर में ही हमने खूब झेला है। कोविड-19 की दूसरी लहर में एक बड़ी कीमत चुकाई गई है। शायद ही ऐसा कोई घर हो जो कोरोना की दूसरी लहर से प्रभावित ना हुआ हो।
हाइकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से मांगा जवाब
कोरोना की दूसरी लहर में मामलें कम हुए है खत्म नहीं। सरकार ने अनलॉक की प्रक्रिया हाल ही में शुरु की है। अनलॉक के शुरुआत में ही इतनी लापरवाही होने लगेगी तो आगे आने वाले समय में क्या हाल होगा। दिल्ली के बाजारों में छूट के बाद लोग बिना मास्क, सामाजिक दूरी के दिखाई दे रहे है। इस संबंध में संज्ञान लेते हुए हाइकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने सरकारों से यह बताने के लिए कहा है कि लॉकडाउन में छूट देने के बाद जारी गाइडलाइन में कोरोना नियमों का पालन करने को कहा था फिर भी पालन क्यों नहीं किया जा रहा है। लोगों द्वारा बाजार में इतनी लापरवाही क्यों बरती जा रही है।
यही हाल रहा तो तीसरी लहर जल्द आएगी
बता दें कि, राष्ट्रीय राजधानी में चरणबद्ध अनलॉक के बीच कारोबार फिर से शुरू होने लगा है तथा बाजारों में भीड़ भी बढ़ने लगी है। इस बीच राजधानी के डॉक्टरों ने मंगलवार को आगाह किया था कि अगर जनता कोरोना नियमों का पालन नहीं करती है तो तीसरी लहर को आने से कोई नहीं रोक सकता है। बाजारों में लोगों द्वारा की गई लापरवाही की तस्वीरें तीसरी लहर के स्वागत करती दिख रही है। कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया तो स्थिति को फिर से खराब होने में समय नहीं लगेगा।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किया आगाह
पिछले कई दिनों से राजधानी में नए मामलों में गिरावट देखी जा रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को आगाह किया कि कोविड महामारी की तीसरी लहर की आशंका काफी वास्तविक है और उनकी सरकार इसका मुकाबला करने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारी कर रही है। केजरीवाल ने 15 मई को कहा था कि दिल्ली में वायरस धीरे-धीरे कम हो रहा है और मुझे उम्मीद है कि यह पूरी तरह से कम हो जाएगा और फिर नहीं बढ़ेगा। हालांकि, हम किसी भी तरह से लापरवाही नहीं बरतने वाले हैं। कोरोना के मामसे अभी कम हुए है खत्म नहीं। जब तक कोरोना को खत्म नहीं कर देते तब तक इससे लड़ना है। और कोरोना को हराकर ही दम लेना है। हाईकोर्ट ने कहा है कि सरकार को कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए और सख्त कदम उठाने की जरूरत है। कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से कहा है कि वह सुनिश्चित करें कि बाजारों में वह सार्वजनिक जगहों पर लोग बगैर मास्क के नहीं घूमें और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के साथ ही कोरोना नियमों का पालन करें।
दिल्ली में कोरोना संक्रमण दर 0.20 फीसदी पर आई
राजधानी दिल्ली में पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 158 नये मामले सामने आए तथा 10 और मरीजों की मौत हो गई, लेकिन राहत की बात यह रही कि इस अवधि में महामारी के संक्रमण से 343 मरीज स्वस्थ हुए। राजधानी में नए मामलों की तुलना में स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि होने से सक्रिय मामलों में निरंतर गिरावट दर्ज की गई है। दिल्ली में आज एक्टिव केस घटकर 2554 रह गए।
दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, गुरुवार को 158 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या 14,31,868 तक पहुंच गई है, जबकि 343 और मरीजों के स्वस्थ होने से कोरोना मुक्त लोगों की संख्या बढ़कर 14,04,428 हो गई। दिल्ली में कोरोना संक्रमण दर अब मामूली बढ़कर 0.20 फीसदी हो गई है। इस दौरान 10 और मरीजों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा 24,886 पर पहुंच गया। राजधानी में मृत्यु दर 1.74 फीसदी पर बनी हुई है। मृतकों के मामले में देशभर में दिल्ली चौथे स्थान पर है। इस बीच, राजधानी में कंटेनमेंट जोन की संख्या घटकर अब 5,799 रह गई है।