नई दिल्ली। कोविड-19 जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए वैश्विक साझेदारी की जरूरत होती है, इस बात पर जोर देते हुए भारतीय-अमेरिकी विज्ञान फोरम ने दोनों देशों के वैज्ञानिकों एवं इंजीनियरों से वैश्विक महामारी पर संयुक्त अनुसंधान गतिविधियों के संबंध में प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं।
इन गतिविधियों के लिए मौजूदा अवसंरचना और वित्तपोषण से लाभ मिल सकेगा। भारतीय-अमेरिकी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी फोरम (आईयूएसएसटीएफ) के प्रमुख साझेदारों में से एक, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया कि विश्व जब कोविड-19 वैश्विक महामारी से लड़ रहा है, यह आवश्यक हो जाता है कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी समुदाय साथ काम करें और इस वैश्विक चुनौती से निपटने के लिए संसाधन साझा करें।
आईयूएसएसटीएफ की ओर से ‘कोविड-19 भारत अमेरिका वर्चुअल नेटवर्क्स’ के लिए आमंत्रित प्रस्ताव 15 अप्रैल से 15 मई तक ऑनलाइन स्वीकार किए जाएंगे।विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने कहा कि विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी नये टीके, उपकरण, नैदानिक उपकरण और सूचना प्रणालियों के साथ-साथ रणनीति विकसित करने के माध्यम से समाधान ढूंढने में अहम भूमिका निभाएगी जो इस वैश्विक महामारी से निपटने में समुदायों एवं राष्ट्रों के संसाधन के प्रबंधन एवं उपयोग में मदद करेगा।
बयान में कहा गया कि कोविड-19 जैसी वैश्विक चुनौतियां दुनिया भर के सहयोग एवं साझेदारी की मांग करती हैं जहां सर्वश्रेष्ठ एवं प्रतिभावान वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और उद्यमियों को साथ काम करने के लिए साथ लाया जाए और वे न सिर्फ मौजूदा वैश्विक महामारी से निपटने के समाधान खोजें बल्कि आगे आने वाले चुनौतियों के लिए भी। आईयूएसएसटीएफ एक स्वायत्त संगठन है जिसका वित्तपोषण दोनों देश की सरकारें करती हैं जो विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और नवप्रवर्तन को बढ़ावा देता है।