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पोम्पियो की टिप्पणी से सरकार नाराज

नई दिल्ली। अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पियो की अपनी किताब में सुषमा स्वराज के ऊपर की गई टिप्पणी को लेकर भारत ने नाराजगी जताई है। पोम्पियो ने अपनी किताब में कहा है कि उन्होंने अपनी समकक्ष सुषमा स्वराज को कभी भी एक महत्वपूर्ण राजनीतिक शख्सियत के रूप में नहीं देखा, लेकिन विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ उनकी पहली मुलाकात में ही उनके साथ अच्छी दोस्ती हो गई। अपनी किताब में पोम्पियो ने यह भी लिखा है कि 2019 की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध की नौबत आ गई थी।

मंगलवार को बाजार में आई उनकी किताब ‘नेवर गिव एन इंच: फाइटिंग फॉर द अमेरिका आई लव’ में पोम्पियो ने सुषमा स्वराज के बारे में कई अपमानजनक शब्‍दों का भी इस्‍तेमाल किया है। गौरतलब है कि सुषमा स्वराज मई 2014 से मई 2019 तक नरेंद्र मोदी की पहली सरकार में विदेश मंत्री रही थीं। उस समय जयशंकर भारत के विदेश सचिव रहे थे। अगस्त 2019 में सुषमा स्वराज का निधन हो गया था।

पोम्पियो के दावों पर टिप्पणी करते हुए जयशंकर ने कहा कि उन्होंने पोम्पियो की किताब में श्रीमती सुषमा स्वराज जी का जिक्र करते हुए एक अंश देखा है। उन्होंने कहा- हमने सुषमा जी को बहुत सम्मान दिया और उनके साथ असाधारण रूप से घनिष्ठ और मधुर संबंध थे। उन्होंने कहा कि सुषमा स्वराज के खिलाफ अपमानजनक टिप्‍पणी की वे निंदा करते हैं। पोम्पियो ने अपनी किताब में लिखा है- भारतीय पक्ष में, मेरे मूल समकक्ष भारतीय विदेश नीति टीम में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी नहीं थीं। इसके बजाय, मैंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल के साथ मिलकर काम किया, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी और भरोसेमंद विश्वासपात्र थे।

पोम्पियो ने दावा किया है कि सुषमा स्वराज ने उन्हें बताया कि पाकिस्तान फरवरी 2019 में बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक के बाद परमाणु हमले की तैयारी कर रहा था। पोम्पियो ने लिखा कि यह घटना तब हुई, जब वे 27-28 फरवरी को अमेरिका-उत्तर कोरिया शिखर सम्मेलन के लिए हनोई में थे। इसके बाद उनकी टीम ने इस संकट को टालने के लिए भारत और पाकिस्तान के साथ रात भर काम किया था। पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री ने लिखा है- मुझे नहीं लगता कि दुनिया को पता है कि फरवरी 2019 में भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव परमाणु हमले के कितना करीब आ गया था।

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