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Jammu Kashmir : कश्मीरी पंडित की हत्या के बाद, प्रदर्शनकारियों पर पुलिस का लाठीचार्ज...

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Jammu Kashmir : कश्मीरी पंडित की हत्या के बाद, प्रदर्शनकारियों पर पुलिस का लाठीचार्ज...
श्रीनगर | Kashmir Police Controversy : कश्मीर में रह-रहकर कोई ना कोई विवाद सामने आता रहता है. सरकार के दावे भी आतंकी हमलों के बाद खोखले नजर आते हैं. एक ओर तो सरकार कश्मीर विस्थापितों की वापसी की बात करती है वहीं वहां रह रहे पंडितों को सुरक्षा देने में नाकामयाब नजर आती है. एख बार फिर से जम्मू-कश्मीर पुलिस की कार्रवाई विवादों में आ गई है. बता दें कि आतंकवादियों द्वारा एक कश्मीरी पंडित की हत्या किए जाने की घटना को लेकर विरोध जताते हुए श्रीनगर हवाई अड्डे की ओर बढ़ रहे कश्मीरी पंडितों को तितर-बितर करने के लिए शुक्रवार को लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे. अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारी पहले मध्य कश्मीर में बडगाम जिले के शेखपोरा इलाके में एकत्र हुए और इसके बाद उन्होंने हवाई अड्डे की ओर बढ़ना शुरू कर दिया, लेकिन पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोक दिया. लाठीचार्ज के साथ छोड़े आंसू गैस... Kashmir Police Controversy : पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों से वहां से जाने का अनुरोध किया गया. लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया और आगे बढ़ने की जिद्द करने लगे. इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं मिली है. कश्मीरी पंडित उनके जीवन की रक्षा करने में सरकार के ‘‘नाकाम’’ रहने के खिलाफ बृहस्पतिवार से प्रदर्शन कर रहे हैं. बता दें कि आतंकवादियों ने चडूरा शहर में तहसील कार्यालय के भीतर घुस कर राहुल भट को गोली मारी थी. भट को प्रवासियों के लिए विशेष नियोजन पैकेज के तहत 2010-11 में क्लर्क के तौर पर सरकारी नौकरी मिली थी. इसे भी पढें- इस “महाघोटाले” के सामने तो तमाम पुराने “घोटाले” फीके पड़ गए महबूबा मुफ्ती बोले उन्हें नजरबंद रखा गया... Kashmir Police Controversy : पुलिस की इस कार्रवाई की देशभर में निंदा हो रही है. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि उन्हें उनके घर में नजरबंद रखा गया, ताकि वह प्रदर्शनकारी कश्मीरी पंडितों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए बडगाम नहीं जा पाएं. बहरहाल, पुलिस ने मुफ्ती के इस दावे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह शर्मनाक है कि वैध और उचित विरोध के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई. उन्होंने पुलवामा में शुक्रवार को की गई एक पुलिसकर्मी की हत्या की निंदा करते हुए कहा कि घाटी में लक्षित हत्याएं बेरोकटोक जारी हैं. इसे भी पढें- जाति बनी जी का जंजाल
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