अहमदाबाद। मानहानि के मामले में राहत के लिए दायर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई से गुजरात हाई कोर्ट की जज ने अपने को अलग कर लिया है। राहुल ने सूरत की अदालत से मिली दो साल की सजा पर रोक लगाने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। राहुल की ओर से वरिष्ठ वकील पंकज चंपानेरी ने हाई कोर्ट के कार्यकारी चीफ जस्टिस एजे देसाई की अदालत में इस मामले का जिक्र किया और जल्दी सुनवाई की अपील की। कार्यकारी चीफ जस्टिस ने यह मामला जस्टिस गीता गोपी की अदालत में सुनवाई के लिए भेज दिया। लेकिन जस्टिस गीता गोपी ने खुद को इस मामले से अलग कर लिया।
बाद में राहुल के वकील पंकज चंपानेरी ने फिर कार्यकारी चीफ जस्टिस की अदालत में इसका जिक्र किया और नई बेंच के पास इसे भेजने और 29 अप्रैल से पहले सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने को कहा। कार्यकारी चीफ जस्टिस इसे किसकी दूसरी बेंच को भेजेंगे। राहुल के वकील एक निश्चित तारीख चाहते हैं क्योंकि इस मामले में पैरवी के लिए गुजरात से बाहर के वकील पहुंचेंगे। दिल्ली से किसी वरिष्ठ वकील के आने की संभावना है।
बहरहाल, इससे पहले सूरत की जिला अदालत ने सजा पर रोक लगाने की राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी थी। मोदी सरनेम वाले मानहानि केस में काग्रेस नेता राहुल गांधी को सूरत की सीजेएम कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है। हालांकि, सजा के तुरंत बाद उनको जमानत मिल गई थी और कोर्ट ने उनकी सजा को 30 दिनों के लिए निलंबित कर दिया था, ताकि वे ऊपरी अदालत में अपील कर सकें। हालांकि दो साल की सजा होने के बाद राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता समाप्त हो गई।