ताजा पोस्ट

पुलिस की पिटाईसे कारोबारी की मौत पर विवाद!

ByNI Desk,
Share
पुलिस की पिटाईसे कारोबारी की मौत पर विवाद!
लखनऊ। कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर में मौत में मामले में पुलिस की भूमिका पर लीपापोती की कोशिश तेज हो गई है। पुलिस ने पहले इसे हत्या मानने से इनकार कर दिया था लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले में दखल देने के बाद छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया, लेकिन अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद एफआईआर में सिर्फ पुलिसकर्मियों को ही नामजद किया बाकीतीनको अज्ञात बता दिया। जिन्हें नामजद किया, उन्हें भी देर शाम तक गिरफ्तार नहीं किया गया थी। kanpur manish gupta murder इस बीच पुलिस की कथित पिटाई से मारे गए कारोबारी मनीष गुप्ता की पत्नी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और उनको अपने अभिभावक जैसा बताते हुए कहा कि उन्हें भरोसा है कि मुख्यमंत्री न्याय दिलाएंगे। इस बीच मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद मनीष गुप्ता की पत्नी की सरकारी नौकरी देने और मुआवजा देने का ऐलान किया गया। इसके साथ ही मामले की जांच के लिए एसआईटी भी गठित कर दी गई है। इस बीच बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती ने मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। mp doctors suicide case Read also Amarinder Singh एक नाम शख्स दो, लोगों के ट्रोल करने पर कहा- मैं वो नहीं हूं, फुटबॉल गोलकीपर ने जोड़े हाथ… बहरहाल, मृतक मनीष गुप्ता की पत्नी ने पुलिस को दी तहरीर में छह पुलिसकर्मियों को हत्या का दोषी ठहराते हुए नामजद कराया था। इनमें इंस्पेक्टर रामगढ़ताल जेएन सिंह, चौकी इंचार्ज फलमंडी अक्षय मिश्रा, सब इंस्पेक्टर विजय यादव के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। जबकि तहरीर में नामजद किए गए सब इंस्पेक्टर राहुल दुबे, हेड कांस्टेबल कमलेश यादव, कांस्टेबल प्रशांत कुमार की जगह तीन अज्ञात ​पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज हुआ। मृतक की पत्नी ने बताया था कि गोरखपुर जाते समय मनीष के पास एक लाख रुपए से अधिक नकदी थी। लेकिन घटना के बाद से अब तक न ही उनके पैसों का कुछ पता चला है और न ही उनकी सोने की अंगूठी, पर्स और मोबाइल मिल रहे हैं।उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज से लाश लेकर कानपुर जाते समय वे लोग होटल पहुंचे तो वहां कमरे में बेड के नीचे एक खून से सना तौलिया मिला था।
Published

और पढ़ें