ताजा पोस्ट

पूर्व पीएम Vajpayee की भतीजी Karuna Shukla का कोरोना से निधन, सीएम Bhupesh Baghel बोले- ‘मेरी करुणा चाची नहीं रहीं’

ByNI Desk,
Share
पूर्व पीएम Vajpayee की भतीजी Karuna Shukla का कोरोना से निधन, सीएम Bhupesh Baghel बोले- ‘मेरी करुणा चाची नहीं रहीं’
नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न से सम्मानित अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की भतीजी करुणा शुक्ला (Karuna Shukla) का कोरोना से निधन हो गया है. 70 वर्षीया करुणा शुक्ला ने देर रात अंतिम सांस ली. कोरोना संक्रमण (Covid 19) होने के बाद उन्हें इलाज के लिए रायपुर के रामकृष्ण केयर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता के अनुसार, उनका अंतिम संस्कार आज मंगलवार को बलौदाबाजार में किया जाएगा। करुणा शुक्ला वर्तमान में समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष थीं। इससे पहले वह लोकसभा सांसद भी थीं। वह भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सहित तमाम बड़े पदों पर रहीं। पूर्व सांसद और कांग्रेस नेत्री करुणा शुक्ला के निधन पर सीएम भूपेश बघेल, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव समेत राज्य और देश के अन्य नेताओं ने संवेदना व्यक्त की है. यह भी पढ़ें:- रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का ऐलान! COVID 19 महामारी से निपटने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगी सेना और रक्षा संस्थान मेरी करुणा चाची नहीं रहीं छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने ट्वीट कर कहा है कि मेरी करुणा चाची यानी करुणा शुक्ला जी नहीं रहीं. निष्ठुर कोरोना ने उन्हें भी लील लिया. राजनीति से इतर उनसे बहुत आत्मीय पारिवारिक रिश्ते रहे और उनका सतत आशीर्वाद मुझे मिलता रहा. ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें और हम सबको उनका विछोह सहने की शक्ति. यह भी पढ़ें:- बेकाबू कोरोना! डाॅक्टर वीके पॉल ने कहा- बदल गई परिस्थितियां, घर में परिवार के बीच भी लगाना होगा Mask पूर्व सीएम रमन सिंह को दी थी कड़ी चुनौती 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने करुणा शुक्ला को पूर्व सीएम रमन सिंह (Raman Singh) के खिलाफ राजनांदगांव से चुनावी मैदान में उतारा था. इस चुनाव में भले ही उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने पूर्व सीएम रमन सिंह को कड़ी चुनौती दी थी. भाजपा छोड़ कांग्रेस का हाथ थामा ग्वालियर में जन्मी करुणा शुक्ला ने भोपाल यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी करने के बाद राजनीति में कदम रखा। उन्हें मध्य प्रदेश विधानसभा में रहते हुए बेस्ट विधायक का खिताब दिया गया था। वह 1982 से 2014 तक भाजपा में रहीं। करुणा शुक्ला 2014 में कांग्रेस में शामिल हो गई। भाजपा से टिकट न मिलने के कारण नाराज होकर करुणा शुक्ला वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गई थीं। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन वह हार गई. भाजपा नेता के तौर पर उन्होंने 2004 में जांजगीर से लोकसभा चुनाव जीता, लेकिन 2009 में वह कोरबा से हार गईं.
Published

और पढ़ें