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दो दिन भारत बंद!

ByNI Desk,
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दो दिन भारत बंद!
नई दिल्ली। देश भर के मजदूर संगठनों के दो दिन के भारत बंद के आह्वान से 28 और 29 मार्च को देश भर में जरूरी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। बैंक कर्मचारियों के संगठन ने भी इस हड़ताल का समर्थन किया है, जिससे दो दिन तक सरकारी बैंकों की सेवा बंद रहेगी या प्रभावित होगी। बिजली और रेल सेवा भी इससे प्रभावित होगी। मजदूर संगठनों की इस हड़ताल को देखते हुए बिजली मंत्रालय ने हाई अलर्ट जारी किया है और 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने व नेशनल ग्रिड की स्थिरता सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है। केंद्र सरकार की निजीकरण की नीतियों और नए श्रम कानूनों के विरोध में 28-29 मार्च देश भर के तमाम मजदूर संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है। तमाम सरकारी बैंकों के मजदूर संगठनों ने भी इस हड़ताल का समर्थन किया है। मजदूर संगठनों के केंद्रीय ज्वाइंट फोरम और दूसरे तमाम स्वतंत्र मजदूर संगठनों ने सोमवार औऱ मंगलवार को केंद्र की आर्थिक नीतियों को जनता विरोधी और मजदूर विरोधी बताते हुए भारत बंद का आह्वान किया है। मजदूर संगठनों ने श्रम संहिता को खत्म करने, किसी क्षेत्र में निजीकरण न करने, परिसंपत्तियों की बिक्री के लिए बने नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन को निरस्त करने, मनरेगा की मजदूरी को बढ़ाने और ठेके पर रखे गए कर्मचारी को नियमित करने की मांग उठाई हैं। बैंक कर्मचारियों के संगठन भी इस हड़ताल में शामिल हैं, जिसे देखते हुए सरकारी बैंकों ने वैकल्पिक उपाय किए हैं। भारतीय स्टेट बैंक ने कहा है कि हड़ताल के कारण उसकी सेवाएं कुछ हद तक प्रभावित हो सकती हैं लेकिन उसने कामकाज को सामान्य तौर पर संचालित करने के लिए जरूरी इंतजाम भी किए हैं। Read also कॉमन एंट्रेस टेस्ट के खतरे ध्यान रहे आखिरी शनिवार और फिर रविवार की वजह से 26 और 27 मार्च को बैंक बंद थे। अगले दो दिन हड़ताल की वजह से कामकाज प्रभावित होगा और उसके बाद वित्तीय वर्ष के आखिरी दिनों में क्लोजिंग के कारण 30-31 मार्च को भी बैंकों में ग्राहकों के लिए सेवाओं पर असर पड़ सकता है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के सभी सरकारी लेन-देन को 31 मार्च के पहले खाते में डालना पड़ता है। तभी रिजर्व बैंक का कहना है कि सभी बैंकों को सरकारी लेन-देन के लिए सभी शाखाओं को निश्चित समय के लिए खोलना पड़ेगा, ताकि कामकाज सुचारू रूप से चल सके। ऑल इंडिया बैंक एंप्लाइज एसोसिएशन ने एक बयान में कहा है- हमने बैंकिंग क्षेत्रों की मांगों पर जोर देते हुए इस आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया है। यूनियन के महासचिव सीएच वेंकटाचलम ने कहा- हमारी मांग है कि बैंकों का निजीकरण बंद किया जाए और सरकारी बैंकों को मजबूत किया जाए। इस हड़ताल को देखते हुए बिजली मंत्रालय हाई अलर्ट हो गया है। मंत्रालय ने रविवार को सभी एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रहने और 24 घंटे बिजली की आपूर्ति और नेशनल ग्रिड की स्थिरता सुनिश्चित करने की सलाह दी है।
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