नई दिल्ली | Lakhimpur Kheri Violence: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में बड़ी खबर सामने आई है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मुख्य आरोपी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की जमानत रद्द कर दी है। इसी के साथ कोर्ट ने आशीष मिश्रा को एक सप्ताह के अंदर सरेंडर करने का आदेश दिया है। इस मामले पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस एनवी रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने यह फैसला सुनाया है।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पीड़ित पक्ष की दलीलों को किया नजरंदाज
Lakhimpur Kheri Violence: इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, आशीष मिश्रा को जमानत देते समय इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीड़ित पक्ष की दलीलों को नजरंदाज किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिर्फ एक FIR के तौर पर ही आशीष मिश्रा को जमानत दे दी, जो सही नहीं है। इसलिए हाईकोर्ट को आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर फिर से विस्तार से सुनवाई करनी चाहिए। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, इस मामले में पहले जिस जज ने सुनवाई की थी, वह दोबारा सुनवाई नहीं करेंगे उनके स्थान पर दूसरे न्यायाधीश होंगे।
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सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आशीष मिश्रा की जमानत रद्द की और एक सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया। pic.twitter.com/BILVIIU8Tg
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 18, 2022
18 फरवरी को जेल से बाहर आ गए थे आशीष मिश्रा
Lakhimpur Kheri Violence: आपको बता दें कि, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 10 फरवरी को आशीष मिश्रा को जमानत दी थी जिसके बाद वह 18 फरवरी को जेल से बाहर आ गए थे। सोमवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले को नए सिरे से सुनवाई के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट को वापस भेज दिया है। गौरतलब है कि पिछले साल 3 अक्टूबर को किसानों का एक समूह BJP के नेता केशव प्रसाद मौर्य के दौरे के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा था तभी लखीमपुर खीरी में एक कार ने 4 किसानों को कथित तौर पर कुचल दिया था। इससे गुस्साए किसानों ने BJP के दो कार्यकर्ताओं और एक चालक को कथित तौर पर पीट-पीट कर मार डाला था।