औरंगाबाद। शिवसेना के सांसद हेमंत पाटिल ने आज उस पत्र के ‘‘फर्जी’’ होने का दावा किया जिसमें उन्होंने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ कथित रूप से समर्थन व्यक्त किया था। मीडिया में दरअसल यह खबर आई थी कि पाटिल ने महाराष्ट्र में अपने निर्वाचन क्षेत्र हिंगोली के प्रशासन को पत्र लिखकर सीएए और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का समर्थन किया था जिसकी शिवसेना नेतृत्व ने निंदा की थी।
इन खबरों के बीच पाटिल ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा कि यह पत्र ‘‘फर्जी’’ है और उन्होंने हिंगोली में पुलिस के पास इस संबंध में शिकायत भी दर्ज कराई है। पाटिल ने कहा कि किसी अन्य मकसद के लिए उनके द्वारा जारी पत्र का दुरुपयोग किया गया और उन्होंने विवादास्पद कानून के प्रति समर्थन की कभी घोषणा नहीं की।
उन्होंने कहा, मैंने इस तरह का कोई पत्र नहीं लिखा है। रेलवे आरक्षण के लिए जारी मेरे एक पत्र का यहां दुरुपयोग किया गया। किसी ने इस पत्र का दुरुपयोग किया है और कम्प्यूटर के माध्यम से इसका विषय बदल दिया है। इस नए पत्र को व्हाट्सऐप और अन्य सोशल मीडिया मंचों पर वायरल किया गया है।
हिंगोली के कलेक्टर के कार्यालय को इस सप्ताह की शुरुआत में एक पत्र मिला था जिसमें सीएए के प्रति पाटिल ने कथित ‘‘समर्थन’’ जताया था और अपने निर्वाचन क्षेत्र में सीएए समर्थक रैली में शामिल नहीं होने के लिए खेद प्रकट किया था। इससे पहले शिवसेना के कलमनूरी से विधायक संतोष बांगर मंगलवार को हिंगोली जिले में सीएए के समर्थन में आयोजित रैली में शामिल हुए थे। शिवसेना ने लोकसभा में कैब (नागरिकता संशोधन विधेयक) का समर्थन किया था लेकिन विधेयक पर राज्यसभा में मतदान के दौरान उसने सदन से बहिर्गमन कर दिया था।