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मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज ने रद्द की विदेश यात्रा, कहा- ओबीसी आरक्षण मामला ज्यादा जरूरी...

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मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज ने रद्द की विदेश यात्रा, कहा- ओबीसी आरक्षण मामला ज्यादा जरूरी...
भोपाल | Shivraj Canceled Foreign Trip : देश की सर्वोच्च न्यायालय के मध्यप्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को आरक्षण के बगैर पंचायत चुनाव कराने के आदेश को लेकर BJP और Congress के बीच आरोप और प्रत्यारोप लगातार जारी है. इस सबके बीच अब प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने निवेश के संबंध में प्रस्तावित अपनी विदेश यात्रा आज निरस्त कर दी है. श्री चौहान ने एक बयान में कहा कि उन्होंने आज विदेश प्रवास के संबंध में होने वाली सभी बैठकें भी तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी हैं. उन्होंने बताया कि वे 14 मई से मध्यप्रदेश में निवेश आकर्षित करने के लिए विदेश यात्रा पर जाने वाले थे. लेकिन ओबीसी आरक्षण के संबंध में उच्चतम न्यायालय के समक्ष राज्य सरकार का पक्ष फिर से रखना है और ओबीसी के हितों का संरक्षण उनकी प्राथमिकता है, इसलिए वे प्रस्तावित विदेश यात्रा निरस्त कर रहे हैं. संशोधित याचिका दायर करने का निर्णय Shivraj Canceled Foreign Trip : सीएम चौहान ने अपने बयान में कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कल मध्यप्रदेश के स्थानीय निकायों में बिना पिछड़ा वर्ग आरक्षण के चुनाव कराने का निर्णय सुनाया है. मेरी सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग के सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक सशक्तिकरण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. माननीय न्यायालय का निर्णय स्थानीय निकायों में प्रतिनिधित्व को प्रभावित करने वाला निर्णय है. इसलिए राज्य सरकार ने माननीय उच्चतम न्यायालय में पुन: संशोधित याचिका दायर करने का निर्णय लिया है. इसे भी पढें - पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खान के दामाद के दादा पंडित सुखराम का निधन, पोते ने सोशल मीडिया में दी जानकारी… राज्य में ओबीसी वर्ग की आबादी 50 प्रतिशत से अधिक Shivraj Canceled Foreign Trip : बता दें कि सीएम शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश में निवेश आकर्षित करने के लिए विदेश यात्रा करने वाले थे. उन्होंने कहा कि इस समय न्यायालय में पुन: अपना पक्ष रखना तथा पिछड़ा वर्ग के हितों का संरक्षण करना मेरी प्राथमिकता है, इसलिए मैं अपनी प्रस्तावित विदेश यात्रा निरस्त कर रहा हूंं. उच्चतम न्यायालय ने कल अपने आदेश में राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिए हैं कि वो दो सप्ताह में चुनाव संबंधी अधिसूचना जारी करे. संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार पंचायत चुनाव प्रत्येक पांच वर्ष में होने चाहिए, लेकिन निर्धारित अवधि बीतने के बाद लगभग दो वर्ष और निकल गए हैं. वर्तमान स्थिति में चुनाव होने पर अनुसूचित जनजाति को 20 प्रतिशत और अनुसूचित जाति को 16 प्रतिशत आरक्षण रहेगा. जबकि ओबीसी को आरक्षण नहीं रहेगा. जबकि पूर्व में ओबीसी को भी 27 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा था. बीते कुछ समय से ओबीसी वर्ग को मिलने वाले आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस नेताओं के बीच लगातार बयानबाजी चल रही है. राज्य में ओबीसी वर्ग की आबादी 50 प्रतिशत से अधिक है. इसे भी पढें - Gym गए बिना कृति सैनन ने घर पर घटाया 15 किलो वजन…
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