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Madras HIghcourt की टिप्पणी पर निर्वाचन आयुक्त ने कहा-मुझे सजा दे दें, लेकिन निर्वाचन आयोग को संदेह से दिलाए मुक्ति

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Madras HIghcourt की टिप्पणी पर निर्वाचन आयुक्त ने कहा-मुझे सजा दे दें, लेकिन निर्वाचन आयोग को संदेह से दिलाए मुक्ति
New Delhi: कोरोना काल में चुनावों को लगातार जारी रखने के आरोप में मद्रास हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को फटकार लगाई थी. अब इस संबंध में आयोग का पक्ष निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने रखा. उन्होंने एक मसौदा हलफनामे में कहा कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के कुछ चरणों को कोरोना वायरस महामारी के चलते स्थगित करने से शेष चरणों के चुनाव राष्ट्रपति शासन के तहत कराने की नौबत आ सकती थी.  उन्होंने कहा कि ऐसा होने पर आयोग पर आरोपों की बाढ़ साी आ जाती. उन्होंने कहा कि हमपर आरोप लगते कि एक दल को फेवर करने के लिए हमने ऐसे निर्णय लिये हैं.  उन्होंने कहा कि यदि ऐसा किया गया होता तो सभी राजनतिक पक्ष एक दूसरे पर आरोप लगाने लग जाते. हम भी अपनी जगह मजबूर हो गये थे.

उच्चतम न्यायालय में पेश करने की थी योजना

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुमार ने इस हलफनामे को मद्रास उच्च न्यायालय और फिर उच्चतम न्यायालय में पेश करने की योजना बनाई थी. लेकिन प्रक्रियात्मक कारणों के चलते दाखिल नहीं किया जा सका.  इस मसौदा हलफनामे में कुमार ने इस्तीफा देने और सजा भुगतने के लिये तैयार रहने की पेशकश करते हुए कहा कि 'लोकतंत्र की रक्षा के लिए संस्था पर उठायी गई शंकाओं से मुक्ति दिलाने की जरूरत है. उन्होंने लिखा था कि कहीं ऐसा न हो कि उस पर बहुत अधिक बढ़ा-चढ़ाकर और अपमानजनक शब्दों में आरोप लगाने का चलन शुरू हो जाएं. इसे भी पढें-  Rajasthan BJP उतरी बंगाल हिंसा के विरोध में, कहा- गुंडा धर्म की पालना से नहीं बचेगा लोकतंत्र

उच्चतम न्यायालय ने खारिज की आयोग की याचिका

मद्रास की हाई कोर्ट ने चुानव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा था कि भारत में जो स्थिति है उसके लिए एक मात्र जिम्मेवार आयोग है. कोर्ट ने कहा था कि कोविड-19 मामलों में तेज वृद्धि के लिये निर्वाचन आयोग अकेले जिम्मेदार है और उसके जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ हत्या के आरोपों में मामला दर्ज किया जा सकता है.  इसी के जबाव में आयुक्त की ओर से जवाब तैयार किया गया था. लेकिन उच्चतम न्यायालय ने आयोग की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि उच्च न्यायालय की मौखिक टिप्पणियां 'आधिकारिक न्यायिक रिकॉर्ड' का हिस्सा नहीं हैं, लिहाजा उन पर रोक लगाने का कोई सवाल पैदा नहीं होता. इसे भी पढें- Corona Update: देश के कई राज्यों में लगा संपूर्ण लॉकडाउन, पीएम मोदी ले सकते हैं कुछ कड़े फैसले
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