कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोकतंत्र बचाने की अपील की है। उन्होंने रविवार को एक कार्यक्रम में देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं की स्थिति बिगड़ने पर चिंता जताई और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस यूयू ललित से लोकतंत्र को बचाने की अपील की। ममता ने कहा कि अगर यह सिलसिला जारी रहा तो देश राष्ट्रपति शासन की ओर बढ़ रहा होगा। उन्होंने बिना नाम लिए भाजपा और उसकी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने चीफ जस्टिस से यह भी कहा कि न्यायपालिका को लोगों को अन्याय से बचाना चाहिए।
रविवार को कोलकाता में स्थित राष्ट्रीय न्यायिक विज्ञान विश्वविद्यालय, एनयूजेएस के दीक्षांत समारोह में ममता बनर्जी मुख्य अतिथि के रूप में पहुंची। चीफ जस्टिस यूयू ललित इस विश्वविद्यालय के चांसलर के नाते कार्यक्रम में मौजूद थे। उनके सामने अपने भाषण में ममता ने कहा कि समाज का एक वर्ग सभी लोकतांत्रिक शक्तियों को जब्त कर रहा है। उन्होंने चीफ जस्टिस से कहा- लोकतंत्र कहां है? कृपया लोकतंत्र को बचांए।
ममता बनर्जी ने मीडिया पर भी भेदभाव करने का आरोप लगाया और तंज करते हुए कहा- क्या वे किसी को गाली दे सकते हैं? क्या वे किसी पर आरोप लगा सकते हैं? सर, हमारी प्रतिष्ठा हमारी इज्जत है। इज्जत लूट लिया, तो सब खत्म हो जाएगा। उन्होंने आगे कहा- फैसला आने से पहले से ही बहुत सी चीजें चल रही थीं। मुझे यह कहते हुए खेद है। अगर आपको लगता है कि मैं गलत हूं, तो मैं माफी मांगती हूं।
ममता ने एनयूजेएस को दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण संस्थानों में से एक बताया और संस्थान की ओर से निभाई गई भूमिका के लिए चीफ जस्टिस ललित की तारीफ की। उन्होंने चीफ जस्टिस ललित को बधाई देते हुए कहा- मुझे नहीं पता कि मैं इस मंच का सही उपयोग कर रही हूं या नहीं, लेकिन दो महीने में उन्होंने दिखा दिया कि न्यायपालिका का क्या मतलब है। ममता ने कहा- मैं यह नहीं कह रही हूं कि लोगों का न्यायपालिका पर से विश्वास उठ गया है, लेकिन आजकल स्थिति बद से बदतर हो गई है। न्यायपालिका को लोगों को अन्याय से बचाना चाहिए और उनका रोना सुनना चाहिए। अभी लोग बंद दरवाजों के पीछे रो रहे हैं।
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