कोलकाता। कांग्रेस को छोड़ कर ममता बनर्जी और अखिलेश यादव ने तीसरा मोर्चा बनाने की पहल की है। दोनों पार्टियां पिछले कुछ दिन से कांग्रेस से दूरी दिखा रही थीं। शुक्रवार को दोनों पार्टियों के सर्वोच्च नेताओं की औपचारिक बैठक हुई, जिसमें एक मोर्चा बनाने पर सहमति बनी। इस मोर्चे में ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल को भी शामिल करने का प्रयास होगा। इसके लिए ममता बनर्जी अगले हफ्ते नवीन पटनायक से मुलाकात करेंगी।
इससे पहले शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अपनी पार्टी के नेताओं के साथ कोलकाता पहुंचे और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की। इस मुलाकात में दोनों पार्टियों ने कांग्रेस और भाजपा से समान दूरी रखने का फैसला किया। अगर ममता बनर्जी अगले हफ्ते नवीन पटनायक को इस मोर्चे में शामिल होने के लिए नहीं मना पाती हैं तब भी दोनों पार्टियों का रास्ता कांग्रेस से अलग होगा।
गौरतलब है कि संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की बुलाई बैठकों में हिस्सा नहीं लिया और न कांग्रेस के साथ पैदल मार्च किया। तृणमूल के नेता संसद में प्रदर्शन के दौरान राहुल गांधी के मामले का जिक्र नहीं कर रहे हैं। उलटे तृणमूल के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि राहुल के बयान का इस्तेमाल करके भाजपा संसद को नहीं चलने दे रही है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा चाहती है कि राहुल गांधी विपक्ष का चेहरा बनें।
सुदीप बंद्योपाध्याय ने एक निजी टेलीविजन चैनल से कहा कि राहुल गांधी ने विदेशों में टिप्पणियां कीं और भाजपा उस पर संसद नहीं चलने दे रही है। इसका मतलब है कि वे कांग्रेस का इस्तेमाल करके संसद नहीं चलाना चाहते। उन्होंने कहा कि भाजपा चाहती है कि राहुल गांधी विपक्ष का चेहरा बनें। ताकि ये बीजेपी की मदद करे। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री पद के चेहरे पर फैसला करने की कोई जरूरत नहीं है।