मुंबई। कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के कारण निर्यात और आपूर्ति श्रृंखला को लेकर कारोबारी धारणा कमजोर रहने के बावजूद फरवरी में देश की विनिर्माण गतिविधियों में मजबूती देखी गयी।
आईएचएस मार्किट द्वारा विनिर्माण क्षेत्र के लिए जारी खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) फरवरी में 54.5 पर पहुँच गया। सूचकांक का 50 से ऊपर रहना विनिर्माण गतिविधियों में तेजी और 50 से कम रहना गिरावट दिखाता है।
इसका 50 का स्तर स्थिरता का द्योतक है। माह-दर-माह आधार पर जारी होने वाला यह आँकड़ा जनवरी में 55.3 रहा था। इस प्रकार साल के पहले दोनों महीनों में विनिर्माण में अच्छी तेजी रही है।
आईएचएस मार्किट की मुख्य अर्थशास्त्री पॉलियाना डी. लीमा ने भारत के संबंध में आज जारी रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा “फरवरी में घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय ऑर्डरों में मजबूत वृद्धि से भारत का विनिर्माण क्षेत्र लाभांवित हुआ।
माँग बढ़ने के कारण कंपनियों ने अपना उत्पादन और कच्चे माल की खरीद बढ़ा दी। हालांकि कोविड-19 का संक्रमण निर्यात और आपूर्ति श्रृंखला के लिए खतरा पैदा कर रहा है। अगले एक साल के परिदृश्य को लेकर कंपनियों का विश्वास कम हुआ है।
जिससे उन्होंने खुलकर नयी भर्ती नहीं की है।” रिपोर्ट में कहा गया है कि फरवरी में विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन की वृद्धि जनवरी के 91 महीने के उच्चतम स्तर के समान ही रही। इसमें उपभोक्ता उत्पाद के उपवर्ग में सबसे ज्यादा तेजी रही।
फरवरी में जारी रही विनिर्माण क्षेत्र की तेजी
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