नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आने वाले वर्षों में देश के विमानन क्षेत्र में दहाई वृद्धि दर की उम्मीद जताते हुये विमान सेवा कंपनियों को लागत से सस्ते टिकट न बेचने की सलाह दी तथा कहा कि इससे बाजार खराब रहा है।
पुरी ने यहाँ संवाददाताओं से चर्चा में कहा कि नवंबर 2018 की तुलना में नवंबर 2019 में घरेलू मार्गों पर यात्रियों की संख्या 11 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। जेट एयरवेज जैसी बड़ी एयरलाइन के बंद होने के बावजूद यह वृद्धि दर अच्छी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले वर्षों में विमानन क्षेत्र की वृद्धि दर दहाई अंक में बनी रहेगी।
इसे भी पढ़ें :- कृषि विभाग सिंचाई के लिए छप्पड़ों के पानी का प्रयोग करे : उपायुक्त
कुछ एयरलाइन परिचालन लागत से भी कम मूल्य पर टिकट बेचने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में भी यह बात आयी है। विमान सेवा कंपनियों के साथ बैठक में वे उन्हें ऐसा न करने की सलाह देते रहे हैं क्योंकि इससे कंपनियों के लिए वित्तीय संकट की स्थिति पैदा हो सकती है। सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया का उदाहरण देते हुये उन्होंने कहा कि 20 साल पहले दिल्ली-मुंबई मार्ग पर औसत किराया 5100 रुपये था जो अब घटकर 4600 रुपये पर आ गया है।
जाहिर है कि कंपनियाँ प्रतिस्पर्द्धा के दबाव में लागत से कम कीमत पर टिकट बेच रही हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा “कंपनियाँ (यात्रियों को आकर्षित करने के लिए) अल्पकालिक उपाय अपनाती हैं। इन उपायों से बाजार खराब होता है।” उन्होंने कहा कि एयरलाइन किराया तय करने के लिए स्वतंत्र हैं और सरकार न तो अधिकतम, न ही न्यूनतम किराया तय करेगी। कंपनियों को घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय दोनों मार्गों पर व्यावहारिक किराया तय करना चाहिये।
हवाई अड्डों के निजीकरण के बारे में पूछे जाने पर श्री पुरी ने कहा कि यह सतत प्रक्रिया है। छह हवाई अड्डों के निजीकरण को सरकार की मंजूरी मिलने के बाद भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने छह और हवाई अड्डों के निजीकरण की पेशकश की है। उन्होंने कहा कि इससे प्राधिकरण को एकमुश्त आमदनी होगी जिसका उपयोग नये हवाई अड्डों के विकास पर किया जायेगा।