नई दिल्ली। दिल्ली के मेयर चुनाव में मारपीट होने और चुनाव टल जाने के एक दिन बाद शनिवार को भाजपा और आम आदमी पार्टी दोनों ने दिल्ली में प्रदर्शन किया। आप नेताओं ने राजभवन का घेराव किया तो भाजपा के नेताओं ने महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पर जाकर धरना दिया। दोनों पार्टियों ने एक दूसरे पर हंगामा करने का आरोप लगाया।
दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना के ऑफिस के बाहर शनिवार को आम आदमी पार्टी के के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। आप विधायक आतिशी ने कहा कि भाजपा और उप राज्यपाल वीके सक्सेना लिखित में बताएं कि मनोनीत सदस्य वोट नहीं डालेंगे। दूसरी ओर भाजपा कार्यकर्त्ताओं ने राजघाट पर धरना दिया। उनका कहना है कि आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने महिला पीठासीन अधिकारी के साथ गाली गलौज की है। उनके ऊपर कुर्सी फेंकी है।
भाजपा ने उप राज्यपाल से मांग की है कि ऐसे आप नेताओं पर कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए। गौरतलब है कि शुक्रवार सुबह 11 बजे पार्षदों का शपथ ग्रहण शुरू होना था, लेकिन पीठासीन पदाधिकारी ने सबसे पहले मनोनीत सदस्यों को जैसे ही शपथ दिलानी शुरू की, आम आदमी पार्टी के सदस्यों ने विरोध शुरू कर दिया। इसके बाद भाजपा पार्षद भी उनके खिलाफ नारेबाजी करने लगे। दोनों पक्षों के बीच धक्का मुक्की और हाथापाई होने लगी। इसमें कुछ पार्षद घायल भी हुए।
इस बीच शनिवार को दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना के ऑफिस की तरफ से एक बयान जारी किया। इसमें कहा गया कि दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन 1957 एक्ट के तहत 10 लोगों को मनोनीत किया गया है। इस एक्ट में कहा गया है कि जिन लोगों को म्युनिसिपल कॉरपोरेशन का अनुभव या ज्ञान हो, उन्हें उप राज्यपाल मनोनीत कर सकते हैं। इनकी उम्र 25 साल से ज्यादा होनी चाहिए। ये सदस्य मेयर या डिप्टी मेयर के चुनाव में वोट नहीं डाल सकते।