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तो क्या अब देश 'रामराज' से 'राम भरोसे' की ओर....

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तो क्या अब देश 'रामराज' से  'राम भरोसे' की ओर....
New Delhi: कोरोना कि दूसरी लहर ने भारत सरकार की तैयारियों की सारी पोल खोल कर रख दी है. मेडिकल इक्विपमेंट की बात की जाए या फिर शवों के अंतिम संस्कार की हर तरफ देश में हाहाकार मचा हुआ है. लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले जनप्रतिनिधि इन दिनों लोगों से नजर चुरा कर घूमने को मजबूर है. पिछले साल दिसंबर में जब को रोना के मामले कम हुए थे तब केंद्र सरकार ने कोई भी ऐसा इनीशिएट नहीं लिया जिससे ऐसा लगा कि सरकार दूसरी लहर के खतरे को भांपते हुए तैयारियों में जुटी है. देश में जब ऑक्सीजन की कमी से लोगों की जान जाने लगी तब जाकर केंद्र सरकार थोड़ी हरकत में आई और विदेशी देशों से मदद मांगना शुरू किया. ( adar-poonawala)

वैक्सीनेशन में हुई बड़ी चूक

भारत सरकार वैक्सीनेशन को लेकर लगातार बड़े दावे किए हैं. लेकिन दूसरे देशों की अपेक्षा में भारत में हुए टीकाकरण को देखकर यह समझ पाना मुश्किल नहीं है कि वैक्सीनेशन प्रक्रिया में भारत सरकार से बड़ी चूक हुई है. अब तो भारत में कोरोना वैक्सीन निर्माता कंपनी सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने भी यह साफ कह दिया है कि इतनी बड़ी आबादी के लिए वैक्सिंग तैयार करना दो-तीन महीनों में संभव नहीं है. कंपनी की ओर से दिए गए इस बयान से यह साफ होता है कि भारत सरकार ने पहले से कंपनी को कोई आर्डर नहीं दिया जिस कारण अब कंपनी के ऊपर अतिरिक्त बोझ बढ़ रहा है. सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला भी जब तक भारत में थे तब तक वैक्सीनेशन को लेकर भारत सरकार की बयानों में हां में हां मिला रहे थे. लेकिन जैसे ही वह लंदन के लिए रवाना हुए उन्होंने यह साफ कर दिया कि भारत सरकार ने कोरोना संक्रमण के मामले कम होने के बाद कंपनी को कोरोना वैक्सीन का आर्डर ही नहीं दिया जिस कारण यह भयावह स्थिति उत्पन्न हुई है.

शवों के अंतिम संस्कार तक की व्यवस्था नहीं

उत्तर प्रदेश सहित देश के कई राज्यों ने यह फैसला लिया था कि यदि कोई परिवार कोरोना संक्रमित व्यक्ति के शव का अंतिम संस्कार करने में सक्षम नहीं है तो राज्य सरकारें अंतिम संस्कार की व्यवस्था करेगी. लेकिन उत्तर प्रदेश में बक्सर जिले में गंगा में नदी में बहते शव इस बात की गवाह हैं कि सरकारों ने इसमें भी बड़ी चूक की है. बक्सर के अलावा उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में भी रेत में शवों के दफनाने का मामला सामने आया था. इसे भी पढें-Rajasthan Politics Crisis: फिर से न सुलग जाए सियासी चिंगारी, राजस्थान में गरमाने लगा राजनीतिक माहौल! 

स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर भी कुछ नहीं ( adar-poonawala)

कोरोना की पहली लहर के समाप्त होने के बाद देश में राज्य और केंद्र की सरकारों ने बड़े-बड़े वायदे किए थे. बर कोरोना संक्रमण के दर्द कम होने के बाद से यह बाय थे ऐसे फूल खिला दिए गए जैसे कोरोना संक्रमण का खतरा टल चुका है. इसी के कारण जब देश में कोरोना की दूसरी लहर आई तो सराकार के पास तैयारी के नाम पर कुछ भी नहीं था. ( adar-poonawala) इसे भी पढें-Corona Vaccination: वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने खड़े किये हाथ, लंदन जाकर अदार पूनावाला ने खोली सरकार की पोल, कहा- जब संक्रमण की दर कम हुई… 
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