नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बताया है कि भारत के टॉप 50 विलफुल डिफॉल्टर्स की सूची में सबसे ऊपर मेहुल चौकसी है। विलफुल डिफॉल्टर्स यानी जान बूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाले शीर्ष 50 लोगों के ऊपर बैंकों का 92,570 करोड़ रुपया बकाया है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने लोकसभा में यह जानकारी दी है। इन डिफॉल्टर्स की सूची में देश से भागे हीरा कारोबारी मेहुल चौकसी की कंपनी गीतांजलि रत्न टॉप पर है, जिस पर बैंकों का 7,848 करोड़ रुपए बकाया है।
वित्त मंत्रालय ने बताया है कि पिछले पांच साल में बैंकों ने कुल 10.10 लाख करोड़ रुपए के कर्ज को डूबत खाते में डाला है। यानी राइट ऑफ किया है, जिसका मतलब है कि इन पैसों के वापस मिलने की उम्मीद बेहद कम है। भारतीय स्टेट बैंक ने सबसे ज्यादा दो लाख करोड़ रुपए का कर्ज डूबत खाते में डाला है। लोकसभा में अपने जवाब में, वित्त राज्य मंत्री भगवत कराड ने कहा कि कर्ज वसूली के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। इन डिफॉल्टर्स को नया लोन नहीं मिलता है और रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार उन्हें पांच साल के लिए नए वेंचर स्थापित करने की अनुमति नहीं है।
उन्होंने बताया कि सरकार नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या जैसे भारत से भागने वाले भगोड़े आर्थिक अपराधियों की संपत्ति कुर्क करने के लिए एक कानून भी लाई है। लोकसभा में एक लिखित उत्तर में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पिछले पांच वित्तीय वर्षों में बैंकों ने 10.10 लाख करोड़ रुपए के लोन डूबत खाते में डाले हैं। उन्होंने कहा कि पब्लिक सेक्टर बैंकों ने पिछले पांच सालों में 4.8 लाख करोड़ रुपए की वसूली की है। इसमें डूबत खाते में डाले गए लोन से वसूले गए 1.03 लाख करोड़ रुपए भी शामिल है।