नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सूरत में एक तीन साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या के दोषी एक शख्स अनिल यादव की फांसी की सज़ा के लिए जारी डेथ वारंट पर गुरुवार को रोक लगा दी। मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की खंडपीठ ने सूरत की पॉक्सो अदालत द्वारा जारी डेथ वारंट पर रोक लगा दी।
सुनवाई के दौरान दोषी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह ने खंडपीठ को बताया कि गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा मौत की सजा की पुष्टि करने के बाद शीर्ष अदालत में अपील करने के लिए 60 दिनों का समय था लेकिन इससे पहले ही डेथ वारंट जारी कर दिया गया।
नाबालिग दुष्कर्म हत्या केस : डेथ वारंट पर सुप्रीम कोर्ट की रोक
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