मुंबई। लंबे अरसे के बाद आखिरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मुलाकात हुई। मंगलवार को मुंबई में दो अलग अलग जगहों पर दोनों नेताओं ने मंच साझा किया। हालांकि प्रधानमंत्री के इस दौरे में दो विवाद भी हुए लेकिन मोदी और ठाकरे के बीच दोनों जगह आत्मीयता दिखी। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे और उनकी सरकार के मंत्री आदित्य ठाकरे भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले। हालांकि पहले प्रधानमंत्री की सुरक्षा करने वाली एजेंसी ने उनको रोकने का प्रयास किया था, जिसे लेकर विवाद भी हुआ।
बहरहाल, प्रधानमंत्री मोदी ने मुंबई में राजभवन में जलभूषण बिल्डिंग का उद्घाटन किया। वहां मोदी और उद्धव ने साथ में मंच साझा किया। इससे पहले मुंबई पहुंचने पर मोदी का स्वागत उप मुख्यमंत्री अजीत पवार और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने किया। इसके बाद कोलाबा के नौसेना हेलीपोर्ट पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे उनकी अगवानी के लिए पहुंचे। इससे पहले करीब दो महीने पहले 25 अप्रैल को जब प्रधानमंत्री लता मंगेशकर अवार्ड लेने के लिए महाराष्ट्र के दौरे पर थे, तब उद्धव उनके कार्यक्रम में नहीं शामिल हुए थे।
गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा और शिव सेना साथ लड़े थे लेकिन सत्ता में साझेदारी को लेकर दोनों में विवाद हो गया था, जिसके बाद शिव सेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बना ली। बहरहाल, प्रधानमंत्री मोदी से उद्धव ठाकरे की यह मुलाकात ठीक दो साल बाद हुई है। इससे पहले दोनों की मुलाकात आठ जून 2021 को हुई थी। तब उद्धव ठाकरे राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल के साथ नई दिल्ली पहुंचे थे।
बहरहाल, प्रधानमंत्री मोदी के मुंबई दौरे में दो विवाद हुए। पहला विवाद तब हुआ, जब एसपीजी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की गाड़ी से आदित्य ठाकरे को उतारने की कोशिश की। इस पर उद्धव ठाकरे नाराज हो गए, जिसके बाद आदित्य को प्रधानमंत्री के पास जाने दिया गया। प्रधानमंत्री ने आदित्य ठाकरे से काफी देर बात की और इस दौरान उन्होंने आदित्य के कंधे पर हाथ रखा था। इसी तरह एक दूसरे कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री अजित पवार को नहीं बोलने दिया गया। इस पर एनसीपी ने नाराजगी जताई है। इस यात्रा में प्रधानमंत्री मोदी ने पुणे में संत तुकाराम शिला मंदिर का लोकार्पण किया।