बाली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन में शांति बहाली की अपील की है। उन्होंने इंडोनेशिया में चल रहे जी-20 शिखर सम्मेलन में मंगलवार को यूक्रेन विवाद को सुलझाने के लिए ‘युद्धविराम और कूटनीति’ के रास्ते पर लौटने का आह्वान किया। साथ ही प्रधानमंत्री ने रूस से तेल व गैस खरीद के खिलाफ पश्चिमी देशों की अपील के बीच ऊर्जा की आपूर्ति पर किसी भी प्रतिबंध को बढ़ावा देने का विरोध किया। प्रधानमंत्री मोदी इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के आमंत्रण पर बाली पहुंचे हैं। राष्ट्रपति विडोडो जी-20 की अध्यक्षता भारत को सौंपेंगे। अगले साल सितंबर में भारत की मेजबानी में यह सम्मेलन होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने जी-20 के सालाना शिखर सम्मेलन के एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन, कोविड-19 की वैश्विक महामारी और यूक्रेन संकट के कारण उत्पन्न वैश्विक चुनौतियों ने दुनिया में तबाही मचा दी है। उन्होंने कहा कि इससे वैश्विक आपूर्ति शृंखला चरमरा गई है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री इस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए सोमवार की रात को बाली पहुंचे। अपपने 45 घंटे के दौरे में प्रधानमंत्री कई विश्व नेताओं के साथ दोपक्षीय वार्ता भी करने वाले हैं।
बहरहाल, जी-20 सम्मेलन के पहले सत्र से पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात हुई। इस पर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता जेड तरार ने कहा- राष्ट्रपति बाइडेन और प्रधानमंत्री मोदी के बीच दोस्ती है, जो दिखती है। दुनिया के कई ऐसे विषय हैं, जहां दोनों देश आमने सामने नहीं दिखते, लेकिन इससे हमारे रिश्ते पर कोई असर नहीं पड़ता। उन्होंने कहा- हर देश अपनी अपनी रणनीति से चलता है, सबसे बड़ी बात यह है कि हम युद्ध रोकने के लिए रूस पर दबाव बना रहे हैं, अपने दोस्तों पर नहीं।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन की मुलाकात खुशनुमा माहौल में हुई। बाइडेन ने मोदी के कंधे पर हाथ रखा था और मोदी उनका हाथ थामे रहे। मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति से बातचीत की और इसके बाद दोनों ठहाके लगाते हुए मीटिंग की ओर बढ़ गए। इस बीच वहां फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों नजर आए तो मोदी ने मैक्रों को बुलाकर उनसे हाथ मिलाया। प्रधानमंत्री की मुलाकात भारतीय मूल के ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से भी हुई।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडन ने उभरती प्रौद्योगिकियों और आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस जैसे क्षेत्रों सहित अन्य क्षेत्रों में भारत-अमेरिकी सामरिक गठजोड़ की स्थिति की मंगलवार को समीक्षा की। साथ ही मौजूदा वैश्विक व क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की। समझा जाता है कि जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर अपनी बैठक में मोदी और बाइडेन ने यूक्रेन संघर्ष और उसके प्रभावों के बारे में भी चर्चा की।