शाह ने मुखर्जी के कार्यों को भी याद किया और कहा कि उन्होंने भारत की अखंडता के साथ कभी समझौता नहीं किया और देश के लिए अपना जीवन लगा दिया। ट्वीट्स की एक श्रृंखला में शाह ने कहा, “मुखर्जी, एक नायक थे जो न केवल देश की स्वतंत्रता बल्कि देश की अखंडता के लिए भी लड़े और अपना जीवन लगा दिया। बंगाल और जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाए रखने के लिए उनका तप और संघर्ष प्रशंसनीय है।”
शाह ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “उन्होंने लोगों और देश के हित के साथ समझौता किए बिना सरकार से इस्तीफा देने में समय नहीं लिया। उनका जीवन और कार्य मेरे जैसे करोड़ों लोगों को प्रेरित करेगा।”
नड्डा ने भी ट्विटर पर लिखा, “मुखर्जी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि। जिन्होंने एक राष्ट्र, दो संविधान का विरोध किया और जम्मू और कश्मीर के सर्वांगीण विकास के लिए अनुच्छेद 370 और 35ए के उन्मूलन के लिए हमारे प्रेरणा स्रोत बने।” मुखर्जी स्वतंत्र भारत में कांग्रेस पार्टी के एक कठोर आलोचक के रूप में जाने जाते थे। वे धारा 370 और 35ए के खिलाफ थे। उन्होंने ही भारतीय जनसंघ की स्थापना की जो बाद में भाजपा बन गई।