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मुठभेड़ में मारा गया अतीक का बेटा

लखनऊ। गुरुवार को जिस समय गैंगेस्टर अतीक अहमद को गुजरात से साबरमती से लाकर इलाहाबाद की एक अदालत में पेश किया जा रहा था उससे ठीक पहले उत्तर प्रदेश की एसटीएफ ने उसके बेटे असद अहमद को एक मुठभेड़ में मार गिराया। बिल्कुल फिल्मी अंदाज में अदालत में अतीक को बेटे के मारे जाने की खबर मिली और वह वही रोने लगा। अतीक का बेटा असद पूर्व बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले के मुख्य गवाह रहे उमेश पाल की हत्या में आरोपी था और पुलिस ने उसके ऊपर पांच लाख रुपए का इनाम रखा था।

अतीक अहमद के बेटे असद के साथ ही उसके गिरोह से जुड़े शूटर गुलाम को भी पुलिस ने ढेर कर दिया। दोनों के ऊपर पांच-पांच लाख रुपए का इनाम था। 24 फरवरी को उमेश पाल और दो उनकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद से ही पुलिस असद और दूसरे आरोपियों की तलाश कर रही थी। पुलिस को सूचना मिली थी कि असद झांसी से मध्य प्रदेश भागने की फिराक में था। तभी एसटीएफ ने बुधवार को झांसी में कई जगह छापा मारा और बताया जा रहा है कि गुरुवार को दिन में 12 बजे के करीब असद और उसके शूटर गुलाम से पुलिस का आमना सामना हुआ।

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बताया जा रहा है कि अतीक के गैंग के एक सदस्य ने पुलिस को असद के बारे में सूचना दी थी। उसके बाद एसटीएफ ने कई जगह छापा मारा। असद के साथ पुलिस की मुठभेड़ दिन के करीब 12 बजे झांसी के बड़का गांव के पारीछा डैम के पास हुई, जो झांसी से करीब सात किलोमीटर दूर है। इस मुठभेड़ में स्पेशल टास्क फोर्स, एसटीएफ के 12 लोग शामिल थे, जिनमें दो डीएसपी और दो इंस्पेक्टर भी शामिल थे। घटनास्थल से दो विदेश पिस्टल भी बरामद हुआ है। बताया जा रहा है कि मुठभेड़ के दौरान 45 राउंड से ज्यादा गोलियां चलीं।

इससे पहले पुलिस से बचने के लिए असद प्रयागराज, दिल्ली और अजमेर में कई दिनों तक छिपा रहा था। बताया जा रहा है कि उमेश पाल की हत्या के बाद असद प्रयागराज से कानपुर गया, जहां से बस पड़कर दिल्ली गया, फिर वहां से अजमेर गया। गौरतलब है कि उमेश पाल पूर्व बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह थे। प्रयागराज के धूमनगंज क्षेत्र में 24 फरवरी को उमेश पाल और उनके दो सुरक्षाकर्मियों- संदीप निषाद और राघवेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले के दो आरोपी पहले ही पुलिस मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं।

पुलिस ने बताया है कि असद और गुलाम दोनों के पास नए सिम कार्ड और नए फोन थे। उनके पास से विदेशी हथियार भी मिले हैं। बताया जा रहा है कि असद और गुलाम ने पुलिस पर फायरिंग की और जवाब में पुलिस ने फायरिंग की। इस दौरान ही दोनों मारे गए। असद और उसके सहयोगी के मारे जाने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानून व्यवस्था को लेकर बैठक की। मुख्यमंत्री ने यूपी एसटीएफ के साथ ही डीजीपी, स्पेशल डीजी लॉ एंड ऑर्डर और पूरी टीम की तारीफ की।

 

 

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