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बिहार में 12-15 जून के मध्य दस्तक देगा मानसून, सितंबर तक बरसेगा

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बिहार में 12-15 जून के मध्य दस्तक देगा मानसून, सितंबर तक बरसेगा
पटनाः बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान यास अब ठंडा पड़ चुका है। लेकिन इसने बंगाल, ओडिशा,झारखंड और बिहार में तबाही मचाई थी। यास के प्रभाव से यहां जमकर बारिश हुई थी। लगातार बारिश के कारण जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। राजधानी पटना समेत कई जिला मुख्यालय जलमग्न हो गये है। मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर बिहार में आज (शनिवार) भी कुछ जगहों पर भारी बारिश हो सकती है। ऐसे बिहार के अधिकतर जिलों में बादल छाए रहेंगे। मौसम विभाग ने इस बीच गया और नवादा जिला के लिए विशेष तौर पर अलर्ट जारी किया है क्योंकि यहां मध्यम से भारी बारिश के बीच वज्रपात की भी आशंका है। ऐसे में मौसम विभाग का कहना है कि 12-15 जून के मध्य बिहार में मानसून दस्तक दे सकता है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार यास अब यूपी के पूर्वांचल क्षेत्र में प्रवेश कर चुका है और प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में हवा की रफ्तार और बारिश की तीव्रता कम हो गई है। अगले 24 घंटों में यह और भी कम हो जाएगी। चक्रवात यास कम दबाव के क्षेत्र के रूप में बदलकर राज्य के उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ गया है और अगले 24 घंटों में कमजोर होकर इसी ओर स्थिर रहने के आसार हैं। इसके प्रभाव से इसका प्रभाव शुक्रवार दोपहर बाद से ही बिहार में दिखने लगा है.

इन जिलों में जमकर बरसेगा मानसून

यास के कारण राज्य के कई जिलों में हुई मूसलाधार बारिश से जनजीवन पर भारी असर पड़ा है। जहां यास का असर हुआ वहां कई घर उजड़ गये। जनजीवन पर भंकर प्रभाव पड़ा है। पटना, गया, पूर्णिया सहित कई जिलों में रिकॉर्डतोड़ बारिश हुई जिससे जगह-जगह जलभराव की स्थिति हो गई है।राज्य के पूर्वी भाग में कुछ जगहों पर एक-दो जगहों पर अत्यंत भारी बारिश हुई।सबसे अधिक बारिश कटिहार के मनिहारी में दर्ज की गई। यहां 251.6 मिमी से भी अधिक बारिश हुई है। इसके अलावा कदवा, बरारी, पूर्णिया, परसा, कटिहार उत्तर, अमनौर, बनमनखी, अरवल, शेखपुरा में अत्यधिक यानी भारी से भारी बारिश रिकॉर्ड की गयी।    

सरकार ने दिया 4 लाख का मुआवजा

शुक्रवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे के बीच सूबे में सबसे ज्यादा बारिश वैशाली में 136 मिमी, जबकि पूर्णिया में 83.8 मिमी दर्ज की गई. खगड़िया, पटना, पूर्वी चंपारण, अररिया, बेगूसराय, समस्तीपुर, जमुई, मधुबनी में भी अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई। हवा की रफ्तार अधिकतम 37 किमी प्रतिघंटे और चक्रवाती हवा की रफ्तार अधिकतम 44 किमी प्रतिघंटे रहने से जगह-जगह पेड़ उखड़ गए. सूबे में कुल सात मौतें हुईं। सरकार ने मृतकों के के परिजनों के लिए चार-चार लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है।

इस वर्ष सामान्य से अधिक बारिश होगी

वहीं, मौसम मामलों के जानकारों की मानें तो तूफान 'यास' ने मानसून को काफी मदद की है। वर्तमान में अंडमान निकोबार समूह के द्वीपों के आस-पास दक्षिण-पश्चिम मानसून काफी तेज हो गया है। अगले दो दिनों में इसके केरल में दस्तक देने की प्रबल संभावना है। इसके बाद यह धीरे-धीरे उत्तर भारत की तरफ कूच करेगा। एक अनुमान के मुताबिक 12 या 13 जून को इसके बिहार में प्रवेश करने की संभावना लग रही है। बिहार में समान्यत: जून से लेकर सितंबर तक मानसून की बारिश होती है। इस साल सामान्य से अधिक बारिश होने के आसार हैं।
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