ताजा पोस्ट

सांसद महुआ मोइत्रा का भाजपा पर पलटवार, कहा-बंगालियों को न सिखाए मां काली की पूजा...

ByNI Desk,
Share
सांसद महुआ मोइत्रा का भाजपा पर पलटवार, कहा-बंगालियों को न सिखाए मां काली की पूजा...
नई दिल्ली | Maa Kaali Poster Controversy : हाल के दिनों में मां काली के एक पोस्टर लेकर शुरू हुए विवाद के बाद राजनीतिक छींटाकशी का दौर लगातार जारी है.तृणमूल कांग्रेस (TMC) की नेता एवं सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा है कि भाजपा हिंदू देवी-देवताओं की संरक्षक नहीं है और उसे बंगालियों को नहीं सिखाना चाहिए कि मां काली की पूजा कैसे की जाती है. मोइत्रा ने कहा कि भाजपा उत्तर भारत में देवी-देवताओं की पूजा की विधियों पर आधारित अपने विचारों को देश के अन्य हिस्सों के उन लोगों पर नहीं थोप सकती, जो पिछले दो हजार वर्षों से प्रचलित विभिन्न अनुष्ठानों से पूजा करते हैं.उन्होंने बांग्ला भाषा के एक चैनल पर कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर बोलकर एक परिवक्व नेता की तरह व्यवहार किया. क्योंकि हिंदुत्व के एजेंडे को लागू करने और अन्य जातीय समूहों पर अपने जड़ विचारों को थोपने के भाजपा के प्रयास का विरोध किया जाना चाहिए.

मां काली पर दिया था विवादित बयान...

Maa Kaali Poster Controversy : बता दें कि मोइत्रा ने एक बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया था कि जिस तरह हर व्यक्ति को अपने तरीके से देवी-देवताओं की पूजा करने का अधिकार है, उसी तरह उन्हें देवी काली की मांस भक्षण करने एवं मदिरा स्वीकार करने वाली देवी के रूप में कल्पना करने का पूरा अधिकार है. टीएमसी सांसद ने यह बात तब कही, जब उनसे एक ऐसी फिल्म के बारे में पूछा गया जिसके पोस्टर में देवी काली को धूम्रपान करते हुए दर्शाया गया है और जिससे विवाद पैदा हो गया है. मोइत्रा ने कहा कि मुझे लगता है कि मैंने एक परिपक्व नेता की तरह व्यवहार किया. हम लंबे समय से इस मुद्दे को नजरअंदाज करते आ रहे हैं कि भाजपा उत्तर भारत की स्थापित प्रथाओं पर आधारित हिंदुत्व के अपने संस्करण को लागू कर रही है. इसे भी पढें- पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या के बाद निधन, 9 जुलाई को एक दिन का राष्ट्रीय शोक…

भाजपा न सिखाया मां काली की पूजा

Maa Kaali Poster Controversy : टीएमसी सासंद ने कहा कि भाजपा हमें यह सिखाने वाली कौन होती है कि देवी काली की पूजा किस विधि से करनी है ? उन्होंने कहा कि न तो भगवान राम और न ही भगवान हनुमान केवल भाजपा के हैं. क्या पार्टी ने हिंदू धर्म का ठेका ले रखा है?’’ उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि तृणमूल ने पिछले साल पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा को किस प्रकार हराया था. मोइत्रा ने कहा कि यह बाहरी लोगों का दल है, जिसने हिंदुत्व की राजनीति को थोपने की कोशिश की, लेकिन मतदाताओं ने उसे नजरअंदाज कर दिया. भाजपा को हमें नहीं सिखाना चाहिए कि मां काली की पूजा कैसे करनी है. हम पिछले 2,000 साल से इसी प्रकार देवी की पूजा करते आ रहे हैं. इसे भी पढें-‘गलाकाट’ प्रचलन: साम्प्रदायिक व धार्मिक उन्माद के पीछे कौन…?
Published

और पढ़ें