लखनऊ। उत्तर प्रदेश के माफिया सरगना मुख्तार अंसारी को अदालत ने हत्या के एक मामले में 10 साल की सजा सुनाई है। मुख्तार के बड़े भाई और बहुजन समाज पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी को भी अदालत ने दोषी ठहराते हुए चार साल की सजा दी है। सजा सुनाए जाने के बाद अफजाल को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। अदालत के फैसले के बाद अफजाल अंसारी की लोकसभा की सदस्यता समाप्त हो जाएगी।
एमपी, एमएलए कोर्ट ने शनिवार को बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर एक्ट में 10 साल की सज़ा सुनाई साथ ही पांच लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। मुख्तार के बड़े भाई और बसपा सांसद अफजाल अंसारी को भी विशेष अदालत ने दोषी करार दिया। अफजाल को चार साल की सजा और एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया। फैसले के बाद सांसद अफजाल अंसारी को पुलिस हिरासत में ले लिया गया है। अंसारी बंधुओं को अदालत ने फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए 30 दिन का समय दिया है।
गौरतलब है सांसद अफजाल अंसारी और मुख्तार अंसारी के खिलाफ अभियोजन की तरफ से गवाही पूरी होने के बाद बहस पूरी हो गई थी। इस फैसले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। फैसले के लिए अदालत ने 15 अप्रैल की तारीख तय की थी, लेकिन पीठासीन जज के अवकाश पर होने के कारण फैसला नहीं आ सका था। उसके बाद 29 अप्रैल फैसला सुनाने की तारीख तय की गई थी। फैसले के समय मुख्तार अंसारी जेल से ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुआ था, जबकि अफजाल अंसारी खुद अदालत में मौजूद थे।
अंसारी भाइयों पर गैंगस्टर एक्ट का ये मामला 2007 में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के दो साल बाद दर्ज किया गया था। केस में राय की हत्या के बाद हुई आगजनी और कारोबारी नंद किशोर रुंगटा की अपहरण व हत्या को आधार बनाया गया था। कृष्णानंद राय की हत्या मामले में कोर्ट अंसारी भाइयों को बरी कर चुका है। लेकिन, गैंगस्टर एक्ट का यह मामला इसी से जुड़ा है। पिछले दिनों अफजाल अंसारी ने कहा था- हम पर हत्या का जो केस लगाया था उसमें कोर्ट बरी कर चुका है। ऐसे में गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे का कोई आधार नहीं बनता है। कोर्ट पर भरोसा है। हत्या से बरी होने के फैसले को आधार बनाते हुए अफजाल गैंगस्टर केस के खिलाफ हाई कोर्ट गया था। हालांकि, वहां राहत नहीं मिली थी।