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जी-7 में मोदी ने की वैक्सीन की बात

ByNI Desk,
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जी-7 में मोदी ने की वैक्सीन की बात
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया की सात बड़ी आर्थिक ताकतों के जी-7 सम्मेलन में वैक्सीन की बात की। उन्होंने दुनिया के देशों से वैक्सीन को पेटेंट से मुक्त करने को कहा और साथ ही दुनिया के हर देश में वैक्सीन पहुंचाने में मदद भी मांगी। प्रधानमंत्री ने रविवार को लगातार दूसरे दिन जी-7 शिखर सम्मेलन को वर्चुअल तरीके से संबोधित किया। पहले दिन उन्होंने वन अर्थ, वन हेल्थ के फॉर्मूले पर बात की थी। गौरतलब है कि लंदन में हो रहा जी-7 शिखर सम्मेलन रविवार को समाप्त हो गया। जी-7 सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी के भाषण की जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव पी हरीश ने बताया- प्रधानमंत्री मोदी ने जी-7 देशों के नेताओं से कोरोना वैक्सीन को पेटेंट फ्री करने की वकालत की साथ ही सभी देशों तक वैक्सीन पहुंचाने के लिए सहयोग मांगा। इसके साथ ही उन्होंने बौद्धिक संपदा अधिकार से जुड़े कारोबारी पहलुओं यानी ट्रिप्स में छूट के प्रस्ताव का समर्थन करने का आग्रह किया। ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका ने इसका समर्थन किया। इसके पहले विश्व व्यापार संगठन, डब्लुटीओ और संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव भी इसका समर्थन कर चुके हैं। [caption id="attachment_152921" align="alignnone" width="500"] The Prime Minister, Shri Narendra Modi interacting with the students during the ‘Pariksha Pe Charcha 2021’, through video conference, in New Delhi on April 07, 2021.[/caption] भारत और दक्षिण अफ्रीका ने डब्लुटीओ को इसका प्रस्ताव भी भेजा है। ट्रिप्स छूट के तहत भारत की मांग है कि डब्लुटीओ को महामारी से निपटने के लिए कारोबार से संबंधित कुछ खास अधिकारों पर अस्थायी तौर पर रोक लगा देनी चाहिए। अगर ऐसा होता है कि दुनिया के सभी देशों को वैक्सीन और मेडिकल सपोर्ट मिलने में आसानी होगी, क्योंकि कोई देश फिर किसी हेल्थ इमरजेंसी उत्पादों पर अपना एकाधिकार नहीं जता सकेगा। बहरहाल, प्रधानमंत्री ने रविवार को दो सत्रों में हिस्सा लिया। जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर उन्होंने कहा- इस चुनौती का एकजुट होकर मुकाबला करना होगा। हम इसे टुकड़ों में बांट कर काम नहीं कर सकते। उन्होंने कहा- भारत जी-20 का एकमात्र ऐसा देश है, जिसने पेरिस समझौते से जुड़े अपने सभी वादे पूरे किए हैं। भारत जी-7 का प्राकृतिक सहयोगी है। हमें मिलकर विस्तारवाद और साइबर सुरक्षा पर भी काम करना होगा।
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