नई दिल्ली। लालू प्रसाद अपने छोटे बेटे और बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को पहले ही अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित कर चुके हैं लेकिन रविवार को उन्होंने एक बार फिर कहा कि तेजस्वी ही पार्टी में सर्वेसर्वा होंगे। राष्ट्रीय जनता दल की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के पहले दिन लालू प्रसाद ने कहा कि उनके बाद तेजस्वी यादव पार्टी के सर्वेसर्वा होंगे और हर मामले में नीतिगत फैसला तेजस्वी ही करेंगे। बैठक में जाति जनगणना कराने का प्रस्ताव भी पास हुआ। पार्टी की दो दिन की इस अहम बैठक में पहले दिन खूब ड्रामा भी हुआ।
लालू प्रसाद के बड़े नेता तेज प्रताप यादव नाराज होकर बैठक से निकल गए। उन्होंने आरोप लगाया कि श्याम रजक ने उनको बहन की गाली दी है। उन्होंने श्याम रजक के आरएसएस का एजेंट होने का आरोप भी लगाया। बाद में श्याम रजक बैठक में ही बेहोश हो गए और उनको वहां से अस्पताल ले जाया गया। इससे पहले पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बैठक में नहीं पहुंचने का विवाद हुआ। पिछले कुछ दिन से जगदानंद सिंह और तेजस्वी में तनाव की खबरें हैं। जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह को पिछले दिनों अपने विवादित बयान की वजह से इस्तीफा देना पड़ा था।
बहरहाल, दिल्ली में राष्ट्रीय जनता दल की दो दिन की बैठक के पहले दिन राजद सुप्रीमो लालू यादव ने कहा कि किसी भी महत्वपूर्ण या नीतिगत मामलों पर अब सिर्फ तेजस्वी यादव ही बोलेंगे। उन्होंने कहा- आप सभी साथियों को तेजस्वी ने सही कहा कि संगठित रहिए। एकता में ही ताकत है इस कारण हमें एकजुट रहना है। हमलोगों को कहीं इधर-उधर नहीं झांकना चाहिए। कुछ भी बोलने से पहले संभल कर बोलना चाहिए। लालू ने कहा- हम लोगों ने फैसला किया है कि किसी भी मुद्दे पर बयान मीडिया को अब तेजस्वी यादव ही देंगे।
इस बैठक में लालू प्रसाद को फिर से पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने पर पार्टी की कार्यकारिणी ने मुहर लगाई। बैठक के पहले दिन अपने भाषण में तेजस्वी यादव ने भाजपा के ऊपर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि भाजपा देश भर में विपक्षी पार्टियों की सरकार गिराती थी लेकिन बिहार में खुद ही गिर गई। बहरहाल, जगदानंद सिंह के बैठक में शामिल नहीं होने पर राजद प्रवक्त मनोज झा ने कहा कि उनकी गैर मौजूदगी की कोई वजह नहीं हैं। साथ ही उन्होंने जगदानंद सिंह के इस्तीफे की खबरों का खंडन भी किया।