नई दिल्ली। यूक्रेन संकट और हिंद महासागर में चीन द्वारा अपना प्रभाव बढ़ाने के कारण उत्पन्न हुई भू-राजनीतिक उथल-पुथल के मद्देनजर भारतीय नौसेना के शीर्ष कमांडर सोमवार से शुरू हो रहे चार दिवसीय सम्मेलन में देश की समुद्री सुरक्षा की व्यापक समीक्षा करेंगे। अधिकारियों ने बताया कि कमांडरों के हिंद-प्रशांत क्षेत्र में संपूर्ण स्थिति को खंगालने की उम्मीद है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी द्वारा तीनों सेनाओं को एकीकृत करने और युद्ध तैयारियों से जुड़े कई विषयों पर कमांडरों को संबोधित करने का कार्यक्रम है।
नौसेना ने कहा, ‘सम्मेलन में क्षेत्र की भू-रणनीतिक स्थिति और इससे निपटने की नौसेना की तैयारियों पर भी चर्चा की जाएगी।’
नौसेना ने कहा कि वह हिंद महासागर और इससे आगे के क्षेत्रों में अनिश्चित भू-रणनीतिक स्थितियों के चलते उभरने वाली सभी समुद्री सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए तैयार है। बयान में कहा गया है कि नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार अन्य कमांडरों के साथ, नौसेना द्वारा पिछले कुछ महीनों में किये गये बड़े अभियानगत, साजो-सामान, मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण और प्रशासनिक गतिविधियों की समीक्षा करेंगे। नौसेना ने कहा कि सम्मेलन में अहम गतिविधियों और पहल के लिए भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की जाएगी।