मुंबई। एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के इस्तीफे को लेकर पार्टी शुक्रवार को फैसला करेगी। पवार ने मंगलवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और एक कमेटी का गठन किया था, जिसको उन्होंने अपना उत्तराधिकारी चुनने की जिम्मेदारी सौंपी। इस कमेटी की बैठक शुक्रवार को 11 बजे होगी। उससे पहले गुरुवार को शरद पवार ने कहा कि कमेटी जो भी फैसला करेगी वे इसे स्वीकार करेंगे। शरद पवार के एनसीपी अध्यक्ष पद से इस्तीफे का पार्टी कार्यकर्ता लगातार विरोध कर रहे हैं। सहयोगी पार्टियां भी चाहती हैं कि पवार इस्तीफा वापस लें।
इस बीच पवार ने गुरुवार को भी अपना रुख नरम करने का संकेत दिया औरर कहा कि कार्यकर्ताओं की मांग का सम्मान किया जाएगा। उन्होंने कहा- मुझे दुख है कि कार्यकर्ताओं से बिना बात किए ही मैंने इस्तीफा दे दिया। अब पांच मई को 15 सदस्यीय कमेटी जो फैसला करेगी, मुझे मंजूर होगा। पिछले तीन दिन से उनको मनाने का प्रयास किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने पवार की बेटी सुप्रिया सुले से कहा है कि वे पवार को इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाएं।
बहरहाल, शरद पवार के इस्तीफा देने के बाद से उन्हें के साथ साथ उनका उत्तराधिकारी तय करने पर भी बात चल रही है। एनसीपी की ओर से बताया गया है कि शरद पवार द्वारा उनके उत्तराधिकारी को चुनने के लिए इस्तीफे के साथ नियुक्त एक समिति, मुंबई में पार्टी कार्यालय में सुबह 11 बजे बैठक करेगी। बताया जा रहा है कि अगर पवार अपने फैसले पर अड़े रहते हैं, तो उनकी बेटी सुप्रिया सुले के पार्टी प्रमुख बनने की संभावना है।
पिछले कुछ दिनों से अजित पवार के भाजपा के संपर्क में होने और कुछ विधायकों के साथ अलग गुट बना कर भाजपा को समर्थन देने की खबरें आ रही थीं। बताया जा रहा है कि अजित पवार को इस खेल में मात देने और पार्टी में तख्तापलट के संभावित प्रयासों को फेल करने के लिए पवार ने इस्तीफे का दांव चला है। शिव सेना के उद्धव ठाकरे गुट के मुखपत्र ‘सामना’ में भी कहा गया है कि पवार का इस्तीफा सुनियोजित था। अपनी आंखों के सामने पार्टी टूटने की संभावना को देखते हुए उन्होंने इस्तीफा दिया। तभी माना जा रहा है कि पवार का इस्तीफा वापस हो सकता है। अगर ऐसा नहीं होता है तो सुप्रिया सुले या शरद पवार की पसंद का कोई नेता अध्यक्ष बनेगा।