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अलग सोच से पर्यटन को नई ऊंचाई

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि लीक से हटकर सोच और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से पर्यटन को नई ऊंचाई पर ले जाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि देश में दूर-दराज क्षेत्रों के गांव भी अब पर्यटन के नक्शे पर आए हैं।धार्मिक स्थलों की वजह से पर्यटन क्षेत्र में भारी उछाल आया है और पिछले साल सात करोड़ लोग काशी विश्वनाथ मंदिर गए।

मोदी ने कहा कि इस मंदिर में पहले हर साल लगभग 70-80 लाख श्रद्धालु पहुंचते थे लेकिन पुनरोद्धार के बाद सात करोड़ श्रद्धालु पहुंचे। उन्होंने इसके बाद बताया कि केदारनाथ में केदारघाटी के पुनर्निर्माण से पहले जहां वहां सिर्फ चार-पांच लाख श्रद्धालु पहुंचते थे वहीं बाद में वहां 15 लाख श्रद्धालु पहुंचे।

‘पर्यटन का मिशन मोड में विकास’ विषय पर आयोजित बजट-पश्चात वेबिनार को संबोधित करते हुए उन्होंने पर्यटन स्थलों पर बहुभाषी सूचना बोर्ड लगाने की भी बात कही। इसके अलावा उन्होंने ऐसे ऐप विकसित करने पर जोर दिया, जिनमें देश की विभिन्न भाषाओं में सूचना दी गई हो। उन्होंने कहा कि का भारत ‘नई कार्य संस्कृति’ के साथ आगे बढ़ रहा है।

वेबिनार में मोदी ने कहा कि अगर जनसुविधाएं बढ़ी हैं, डिजिटल कनेक्टिविटी बेहतर हुई है, होटल और अस्पताल बेहतर हुए हैं और स्वच्छता पर ध्यान दिया जा रहा है तो भारतीय पर्यटन क्षेत्र में कई गुना वृद्धि हो सकती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पसंदीदा स्थानों या ऐतिहासिक महत्व के स्थानों पर विवाह (वेडिंग डेस्टिनेशन) करने का चलन बढ़ रहा है और भारत में इसकी भारी संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, हमें ऐसे कम से कम 50 पर्यटन केंद्र विकसित करने होंगे, जो भारत आने की योजना बना रहे किसी भी पर्यटक के दिमाग में सबसे पहले आएं।”

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