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भाजपा ने विधायक के निलंबन के विरोध में सदन का किया बहिष्कार, सरकार ने आने की अपील की

पटना। बिहार में मुख्य विपक्षी दल भाजपा (BJP) ने अपने विधायक के निलंबन (Suspension) के विरोध में बुधवार को विधानसभा (Assembly) की कार्यवाही का बहिष्कार किया, वहीं सरकार ने उनसे सदन के अंदर हुई अशोभनीय घटना पर दुख प्रकट कर कार्यवाही में हिस्सा लेने की अपील की।

विधानसभा में पूर्वाह्न 11 बजे कार्यवाही शुरू होते ही संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी (Vijay Kumar Chowdhary) ने विपक्ष की गैर मौजूदगी को देखते हुए कहा कि कल इस सदन में कुछ अप्रिय घटनाएं हुई थी। उन्हें यह लगता है कि सदन के किसी सदस्य और विशेष रूप से आसन को ऐसे अशोभनीय आचरण या घटना की उम्मीद नहीं रही होगी लेकिन कभी-कभी भावावेश में ऐसी घटनाएं हो जाती हैं और मजबूरन आसन को सदन की मर्यादा के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई करनी पड़ती है और यह वाजिब भी है।

श्री चौधरी ने कहा कि आसन की इस कार्रवाई के बाद कल से ही सारे विपक्ष के सदस्य सदन से बाहर हैं। उन्होंने कहा कि किसी हाल में सरकार या सत्ताधारी गठबंधन को यह स्थिति अच्छी नहीं लग रही क्योंकि हमलोग इस सिद्धांत में पूर्णतया गहराई से विश्वास करते हैं कि विपक्ष भी सरकार के अंग होते हैं।

संसदीय कार्य मंत्री ने विपक्ष की सीट की ओर इशारा करते हुए कहा, “आज इस तरफ देखते हैं तो कितना सूनापन दिख रहा है । जब हमारे विपक्ष के साथी नहीं होते हैं तो सदन सूना हो जाता है । हमने अनेक अवसरों पर कहा है कि अगर विपक्ष के कोई सदस्य या सत्ता पक्ष के भी कोई सदस्य अगर प्रश्नों के माध्यम से या विभिन्न प्रस्तावों के जरिए जमीनी हकीकत की जानकारी सरकार को नहीं दें तो बहुत सारी कमियां सरकार के संज्ञान में ही न आ पाए। इसलिए, सरकार तो एहसानमंद होती है वैसे सदस्यों के प्रति जो सरकार की कमियां को उजागर करते हैं। वे जब कमियां उजागर करते हैं तो सरकार को रास्ता दिखता है और आगे काम करने का तरीका समझ में आता है, इसलिए हम लोग इनकी किसी बात का कभी बुरा नहीं मानते हैं लेकिन सदन की भी मर्यादा होती है, अनुशासन होता है और उसपर जब आघात होता है तो मजबूरन कुछ सख्त फैसला लेना पड़ता है।”

श्री चौधरी ने कहा कि वह कल की घटना को दोहराना नहीं चाहते हैं। आज वह अपनी तरफ से, सत्ताधारी दल और सरकार की ओर से विपक्ष के अपने साथियों से अनुरोध करना चाहते हैं कि उनके बिना सदन में सूनापन है इसलिए हम सबकी इच्छा है कि विपक्ष सदन में आए और कार्यवाही में हिस्सा ले। उन्होंने कहा कि कल भी हमलोगों ने अधिकतम जगह दी थी कि इस मामले को सुलझाने का रास्ता निकल सके।

संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि सदन की मर्यादा पर आघात हो और फिर कोई सदन के सम्मान में खेद प्रकट करता है तो इससे कोई छोटा या नीचा नहीं हो जाता है। वैसे भी सदन से हम सब लोग नीचे हैं। उन्होंने कहा कि इसमें सरकार या किसी पक्ष-विपक्ष की बात नहीं है। आसन ने कल की घटना को सदन की मर्यादा के खिलाफ माना था और आसन ने नियमन दिया था कि ऐसा आचरण है जिसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। (वार्ता)

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