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अमित शाह का अरुणाचल प्रदेश में ‘भारत के पहले गांव’ के इतिहास से प्रेरणा लेने का आग्रह

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने बृहस्पतिवार को लोगों से अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) में ‘भारत के पहले गांव’ किबितू की यात्रा कर उसकी प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने और उसके इतिहास से प्रेरणा लेने का आग्रह किया।

शाह ने 10 अप्रैल को किबितू का दौरा किया और रात भर वहीं रुके थे। यह गांव चीन सीमा (china border) के साथ भारत की सबसे पूर्वी अग्रिम चौकी है। गांव में बर्फ से ढके पहाड़, झरने, नदी और घाटियां दिखाते हुए शाह ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया और कहा, भारत के पहले गांव किबितू की यात्रा के दौरान खूबसूरत नजारों को कैद किया। अरुणाचल प्रदेश को अपार प्राकृतिक सुंदरता का वरदान प्राप्त है। मैं सभी से अरुणाचल प्रदेश, विशेष रूप से किबितू की यात्रा करने का आग्रह करता हूं, ताकि इसके इतिहास से प्रेरित हों और प्रकृति के चमत्कारों से चकित हो जाएं। अपनी यात्रा के दौरान गृह मंत्री ने कहा था कि किबितू को भारत का आखिरी गांव नहीं बल्कि पहला गांव कहा जाना चाहिए क्योंकि देश में सबसे पहले सूरज की किरणें इस गांव पर पड़ती हैं।

इस क्षेत्र का सैन्य इतिहास भी है क्योंकि किबितू और पड़ोसी वालोंग 1962 में चीनी आक्रमण के दौरान एक भीषण जंग के गवाह बने थे। इस दौरान भारतीय सेना के जवानों ने चीन की जनमुक्ति सेना (पीएलए) के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी और देश के भूभाग का बचाव किया था।

अरुणाचल प्रदेश से आने वाले केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने शाह के ट्विटर पोस्ट पर टिप्पणी की: “अतुल्य भारत ! देखो अपना देश, अरुणाचल प्रदेश, पूर्वोत्तर।”
गृह मंत्री ने बुधवार को भी ट्विटर पर ऐसा ही एक वीडियो साझा करते हुए लिखा था: “किबितू से वालोंग तक की यात्रा की , जिसे भारत की सबसे पूर्वी सड़क के रूप में जाना जाता है। सुदूरवर्ती सीमा क्षेत्र में समतल सतह वाली सड़क सीमावर्ती क्षेत्रों को विकसित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के दृष्टिकोण को दर्शाती है। ‘ वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम ’ सीमावर्ती गांवों में संपर्क और विकास को और बढ़ावा देगा।”

शाह ने 10 अप्रैल को किबितू में ‘ वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम ’ (वीवीपी) की शुरुआत की थी। वीवीपी एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसके तहत व्यापक विकास के लिए अरुणाचल प्रदेश , सिक्किम , उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश राज्यों और लद्दाख की उत्तरी सीमा से सटे 19 जिलों के 46 प्रखंडों में 2,967 गांवों की पहचान की गई है। (भाषा)

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