केजरीवाल से 164 करोड़ की वसूली का नोटिस

नई दिल्ली। सूचना एवं प्रचार निदेशालय (डीआईपी-DIP) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री (Delhi Chief Minister) अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को 164 करोड़ रुपये की वसूली का नोटिस जारी किया है। राशि का भुगतान 10 दिन के अंदर करना होगा। उपराज्यपाल (एल-जी) वी.के. सक्सेना ने 20 दिसंबर, 2022 को मुख्य सचिव को राजनीतिक विज्ञापनों के लिए आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) से 97 करोड़ रुपये वसूलने का निर्देश दिया था, जिसे उसने सरकारी विज्ञापनों के रूप में प्रकाशित किया था।

उपराज्यपाल ने अपने आदेश में मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वे सरकारी विज्ञापन में सामग्री नियमन (सीसीआरजीए) पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति के 16 सितंबर, 2016 के आदेश और सूचना एवं प्रचार निदेशालय (डीआईपी), जीएनसीटीडी के अनुवर्ती आदेश को लागू करें। उन्होंने सरकारी विज्ञापनों की आड़ में प्रकाशित / प्रसारित होने वाले राजनीतिक विज्ञापनों के लिए आप को राज्य के खजाने को 97,14,69,137 रुपये और ब्याज का भुगतान करने का निर्देश दिया।

तीन सदस्यीय सीसीआरजीए के मुताबिक भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तैयार किए गए दिशानिदेशरें का मुख्य उद्देश्य राजनीतिक दल की छवि को निखारने में सरकारी धन के दुरुपयोग को रोकना है। चूंकि फैसले के बाद भी ऐसा ही हुआ है, इसलिए इसे याद दिलाने का एकमात्र तरीका यह है कि उल्लंघन की प्रक्रिया में राजनीतिक दल को सरकार द्वारा किए गए खर्च का भुगतान करने के लिए मुख्य लाभार्थी बनाया जाए।

समिति दिल्ली सरकार को दिल्ली के बाहर विज्ञापन जारी करने में हुए खर्च का आकलन करने का निर्देश देती है। दूसरे राज्यों में हुई घटनाओं और विपक्ष को निशाना बनाने वाले विज्ञापनों पर मुख्यमंत्री के विचारों का प्रचार किया।

वित्तीय वर्ष 2022-2023 में पुनर्मूल्यांकन के बाद 106,42,26,121 रुपये (99,31,10,053 रुपये की राशि, भुगतान प्लस 7,11,16,068 अवैतनिक)की प्रतिपूर्ति की जानी है। राज्य के खजाने में 99,31,10,053 रुपये (डीआईपी द्वारा पहले से भुगतान की गई राशि) और 64,30,78,2121 रुपये (28 दिसंबर, 2022 तक) का दंड ब्याज शामिल है, जो 163,61,88,265 रुपये है। इसमें आगे कहा गया है कि 7,11,16,068 रुपये की राशि का भुगतान आप द्वारा सीधे संबंधित विज्ञापन एजेंसियों को संलग्न सूची के अनुसार किया जाना है।

इस नोटिस को जारी करने के 10 दिनों के भीतर 163,61,88,265 रुपये की राशि की प्रतिपूर्ति करने का अंतिम अवसर दिया गया है, ऐसा न करने पर कानून के अनुसार आगे की आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। (आईएएनएस)

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