नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर (Subrahmanyam Jaishankar) ने शनिवार को कहा कि अरबपति निवेशक (billionaire investor) जॉर्ज सोरोस (George Soros) बूढ़े, धनी, पूर्वाग्रही और खतरनाक हैं और विमर्श गढ़ने के लिये संसाधनों का निवेश करते हैं। उदारवादी मुद्दों का समर्थन करने वाले 92 वर्षीय कारोबारी सोरोस ने बृहस्पतिवार को कहा था कि गौतम अडाणी (Gautam Adani) के कारोबारी साम्राज्य में जारी उठापटक सरकार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पकड़ को कमजोर कर सकती है।
रायसिना@सिडनी परिचर्चा (Raisina@Sydney discussion) में एक सत्र के दौरान पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए जयशंकर ने कहा कि सोरोस न्यूयार्क में बैठे बूढ़े, धनी, पूर्वाग्रही व्यक्ति हैं जो अभी भी यह सोचते हैं कि दुनिया कैसे काम करती है, वह उनके विचारों के आधार पर तय हो।
जयशंकर ने कहा कि अब अगर मैं बूढ़े, धनी और पूर्वाग्रही तक रुक सकता तो रहने देता, लेकिन वह (सोरोस) बूढ़े, धनी, पूर्वाग्रही और खतरनाक हैं। उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पहले इसी सम्मेलन में सोरोस ने भारत पर लाखों मुसलमानों की नागरिकता छीन लेने की साजिश रचने का आरोप लगाया था।
विदेश मंत्री ने कहा, हम उन बाहरी हस्तक्षेप के कारण पैदा होने वाले खतरों के बारे में जानते हैं। अगर आप इस प्रकार का भयादोहन करेंगे, तब इससे वास्तव में समाज के तानेबाने को नुकसान पहुंचेगा। जयशंकर ने कहा, इसकी विभिन्न देशों में अलग तरीके से व्याख्या होगी जहां उनके जैसे लोग सोचते हों कि चुनाव तभी अच्छा है जब उनकी पसंद का व्यक्ति जीतता है। अगर चुनाव के दूसरे परिणाम आते हैं तब कहेंगे कि लोकतंत्र में त्रुटि है। उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण निर्बाध अवसर प्रदान करता है लेकिन इसके साथ संगठनों के विमर्श गढ़ने, धन की आवाजाही और अपने एजेंडे को बढ़ाने का मार्ग भी प्रशस्त होता है।
विदेश मंत्री ने कहा कि यह सब पारदर्शी खुले समाज की वकालत के नाम पर किया जाता है। गौरतलब है कि अडाणी समूह 24 जनवरी को अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा उस पर लेखा धोखाधड़ी और स्टॉक हेरफेर का आरोप लगाए जाने के बाद से गंभीर दबाव में है। इन आरोपों को समूह ने ‘दुर्भावनापूर्ण’, ‘आधारहीन’ और ‘भारत पर सोचा-समझा हमला’ कहकर खारिज कर दिया है। (भाषा)