नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) की भारत के प्रधान न्यायाधीश (Chief Justice of India) (सीजेआई-CJI) के रूप में नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज करने के आदेश की समीक्षा का अनुरोध करने वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी और कहा कि यह याचिका पर फिर से सुनवाई की आड़ में दायर की गई है, जो अस्वीकार्य है।
न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विकास महाजन की पीठ ने कहा कि 11 नवंबर, 2022 को पारित आदेश की समीक्षा का कोई आधार नहीं बनता है। दिल्ली उच्च न्यायालय की एक अन्य पीठ ने पिछले साल 11 नवंबर को न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की नियुक्ति को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये जुर्माना लगाया था।
पीठ ने सोमवार को कहा, ‘‘यह पुनरीक्षण याचिका की आड़ में की गई अपील है। याचिकाकर्ता रिकॉर्ड में किसी भी स्पष्ट त्रुटि को इंगित नहीं कर पाया और 11 नवंबर, 2022 के आदेश की समीक्षा का कोई आधार नहीं बनता, इसलिए पुनरीक्षण याचिका खारिज की जाती है।’’ उसने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि याचिका पर फिर से सुनवाई की इच्छा की आड़ में पुनरीक्षण याचिका दायर की गई, जो समीक्षा के लिए स्वीकार्य नहीं है।
अदालत ने संजीव कुमार तिवारी द्वारा दायर जनहित याचिका को पिछले साल खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। पीठ ने जनहित याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि सार्वजनिक विश्वास के साथ संवैधानिक पदों पर आसीन अधिकारियों की नियुक्ति को जनहित के नाम पर ‘‘स्वयंभू योद्धाओं’’ द्वारा काल्पनिक आरोपों के आधार पर अपमानित करने की छूट नहीं दी जा सकती। याचिकाकर्ता ने अपनी पुनरीक्षण याचिका में पूर्व के आदेश को दरकिनार करने एवं लगाए गए जुर्माने को माफ करने का अनुरोध किया था। (भाषा)