नई दिल्ली। कोयला मंत्रालय (ministry of coal) ने उद्योग जगत की मांग तथा कारोबार करने की सुगमता (ईओडीबी) को बढ़ावा देने के लिए कोयला नीलामी (coal auction) में आवंटित कोयला ब्लाकों में कार्य निष्पादन बैंक गारंटी (performance bankguarantee) (पीबीजी-pbg) की पहली समीक्षा खदान खोलने की अनुमति के बाद ही करने का निर्णय लिया है। इससे ऐसी कंपनियों पर बैंक गारंटी का वित्तीय दबाव कम होगा जो कारोबार चालू करने में लगी हैं लेकिन अभी परिचालन पूर्व की प्रक्रिया में हैं। इससे नीलामी के चालू दौर में निवेशकों का आकर्षण बढ़ने की उम्मीद है।
मंत्रालय ने 141 कोयला खदानों के लिए तीन नवंबर, 2022 को वाणिज्यिक कोयला खदानों (coal mining) की नीलामी के छठे दौर तथा पांचवे प्रयास का दूसरा प्रयास शुरू किया था। इसके बदले में और नीलामी के जारी दौर में इस संशोधन को लागू करने के लिए मंत्रालय ने नीलामी बोली की नियत तिथि 13 जनवरी, 2023 की अपनी पिछली बोली की नियत तिथि से बढ़ाकर 30 जनवरी, 2023 कर दी है।
कोयला ब्लाकों की नीलामी के निविदा-पत्रों में प्रावधान है कि नीलाम हो गयी कोयला खदान के लिए प्रस्तुत की जाने वाली निष्पादन बैंक गारंटी को वर्ष के प्रारंभ में अप्रैल महीने के लिए राष्ट्रीय कोयला सूचकांक (एनसीआई) के आधार पर वार्षिक रूप से संशोधित किया जाना है, लेकिन इस प्रावधान की समीक्षा किए जाने की मांग उठने लगी थी।
कोयला मंत्रालय के अनुसार चूंकि 2020 में पहली वाणिज्यिक कोयला खदान की नीलामी शुरू होने के बाद से एनसीआई दोगुना हो गया है, इसलिए पीबीजी संशोधन प्रावधानों में छूट के लिए उद्योग जगत की ओर से कई अभ्यावेदन प्राप्त हुए थे। इन अभ्यावेदनों में कहा गया था कि एनसीआई में अभूतपूर्व वृद्धि से ऐसे सफल बोलीदाताओं पर महत्वपूर्ण वित्तीय बोझ पड़ा है, जिनकी खदानें अभी परिचालन से पहले के चरण में हैं। ऐसी कंपनियों पर बैंक गारंटी का बोझ बढ़ने से उनके पास खान परिचालन गतिविधियों के लिए धन की उपलब्धता प्रभावित हुई है। मंत्रालय ने कहा है कि कार्य निष्पादन के लिए बैंक गारंटी सबंधी नए नियम से निवेशकों को मदद मिलेगी और नीलामी में निवेशकों का आकर्षण बढ़ेगा।
इस निवेशक हितैषी पहल से कोयला खदानों के परिचालन की प्रक्रिया के दौरान बोलीदाताओं पर वित्तीय बोझ कम होने की अपेक्षा है और वाणिज्यिक कोयला खदानों की नीलामी में बोली लगाने वालों की सहभागिता बढ़ने की उम्मीद है। (वार्ता)