नई दिल्ली। कांग्रेस की असम युवा इकाई (Assam Youth Unit Congress President) की अध्यक्ष अंकिता दत्ता (Ankita Dutta) को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए शनिवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया। दत्ता ने भारतीय युवा कांग्रेस के प्रमुख श्रीनिवास बी वी पर उनका मानसिक उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। इससे पहले उन्होंने भारतीय युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष केशव कुमार के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस कदम को लेकर कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि यह महिला सशक्तिकरण का उसका मॉडल है और ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ का उसका नारा खोखला है।
कांग्रेस की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति के सदस्य सचिव तारिक अनवर (Tariq Anwar) ने एक आदेश में कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष ने असम प्रदेश युवा कांग्रेस की अध्यक्ष डॉ. अंकिता दत्ता को उनकी पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए तत्काल प्रभाव से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है।’
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए भाजपा की आईटी शाखा के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट किया, ‘यह कांग्रेस का महिला सशक्तिकरण का मॉडल है। उन्होंने कहा, उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला की शिकायत सुनने के बजाए उसे निष्कासित करना। जिस तरीके से अंकिता दत्ता को कांग्रेस ने निकाला गया है वह महिलाओं के लिए प्रेरणादायक नहीं है। मालवीय ने कहा, ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं, एक खोखला नारा है।’
दत्ता ने शुक्रवार को ट्वीट किया, जब भारतीय युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष केशव कुमार ने यौन उत्पीड़न किया और मीटू आया था। उन्हें हटने के लिए विवश होना पड़ा। अब छह महीने से बी वी श्रीनिवास द्वारा मानसिक उत्पीड़न और भेदभाव के बावजूद मुझे चुप रहने के लिए कहा गया है और कोई जांच शुरू नहीं की गयी। उन्होंने कहा, ईमानदारी से कहूं तो मुझे पता है कि यह मेरा राजनीतिक करियर खत्म कर सकता है। यदि मुझे यही कीमत चुकानी है तो यही सही। मेरे भाजपा के किसी नेता से मिलने के बारे में, आप घर और कार्यालय का सीसीटीवी फुटेज देख सकते हैं जिसमें आप मुझे संभवत: ट्रोल्स के बारे में पढ़ते हुए देखेंगे जो मेरे सहकर्मी फैला रहे हैं।
असम कांग्रेस ने दत्ता को उनकी कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इस नोटिस में उन्हें यह बताने के लिए कहा गया था कि उनकी कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जाए। (भाषा)