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केजरीवाल ‘शराब घोटाला’ में ‘सरगना’ थे, भाजपा ने दी ‘लाई डिटेक्टर टेस्ट’ की चुनौती

ByNI Desk,
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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार को दावा किया कि आबकारी नीति (excise policy) मामले में सीबीआई (cbi) द्वारा तलब किए जाने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल डर के मारे कांप रहे हैं। पार्टी ने कहा कि अगर डरने की कोई बात नहीं है तो उन्हें ‘लाई डिटेक्टर टेस्ट’ (lie detector test) कराना चाहिए।

भाजपा (bjp) के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया (gaurav bhatia) ने एक संवाददाता सम्मेलन में जांच एजेंसी द्वारा जारी समन को लेकर केंद्र सरकार पर हमला करने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) के नेता की आलोचना की और कहा कि यह बयानबाजी का नहीं, बल्कि जवाबदेही का वक्त है।

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर विभिन्न पार्टियों के नेताओं पर केजरीवाल के पूर्व में किए गए हमलों का उल्लेख करते हुए भाटिया ने कहा कि ‘आप’ सुप्रीमो को सच्चाई सामने लाने के लिए ‘लाई डिटेक्टर टेस्ट’ कराना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल ‘शराब घोटाला’ मामले में ‘सरगना’ थे, जिसमें उनके विश्वासपात्र और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जेल में बंद हैं।

भाटिया ने केजरीवाल से सवाल किया कि क्या वह दिल्ली मंत्रिमंडल की फरवरी 2021 में हुई बैठक में लिए गए फैसलों के लिए जवाबदेह नहीं थे, जिसमें कथित तौर पर इस घोटाले की साजिश रची गई थी। भाजपा प्रवक्ता ने केजरीवाल द्वारा एक आरोपी के साथ कथित तौर पर फेसटाइम पर बात करने को लेकर भी सवाल उठाया।

भाटिया ने कहा कि हथकड़ियां उनके पास पहुंच रही हैं और वह डरे हुए हैं तथा डर के मारे कांप रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय ने सिसोदिया को कोई राहत देने से इनकार कर दिया है, जबकि एक सत्र अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए घोटाले में उनकी भूमिका को लेकर कुछ गंभीर टिप्पणियां की हैं।

भाजपा नेता ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत सरकार के तहत जांच एजेंसियां भ्रष्टाचार के मामलो की जांच करने के लिए स्वतंत्र हैं और मोदी सरकार की भ्रष्टाचार को लेकर ‘कतई बर्दाश्त न करने’ की नीति है। उन्होंने कहा, ‘हमने केजरीवाल से पांच सवाल पूछे हैं और मैं उन्हें इनमें से एक का भी जवाब देने की चुनौती देता हूं। वह इधर-उधर भटकाएंगे और इन सवालों से बच निकलेंगे।’

भाटिया ने पूछा, सत्र अदालत ने यह कहते हुए सिसोदिया की जमानत याचिका ठुकरा दी कि उन्होंने इंडोस्प्रिट के समीर महेंद्रु को एल1 देने के लिए तत्कालीन आबकारी आयुक्त को बुलाया था। एक मंत्री किसी खास व्यक्ति/संस्था को एल1 देने के लिए आबकारी आयुक्त को विवश क्यों करेगा?

गौरतलब है कि सीबीआई ने शुक्रवार को आबकारी नीति घोटाला मामले के संबंध में केजरीवाल को 16 अप्रैल को पूछताछ के लिए तलब किया। (भाषा)

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