नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को आरोप लगाया कि दिल्ली के कथित आबकारी नीति (excise policy) घोटाले में सिर्फ मनीष सिसोदिया ही नहीं बल्कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (arvind kejriwal) और पंजाब के उनके समकक्ष भगवंत मान (bhagwant mann) भी शामिल हैं।
आम आदमी पार्टी (आप) नेता सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज करने के दौरान दिल्ली की एक अदालत द्वारा की गई टिप्पणियों का हवाला देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला (Shahzad Poonawala) ने दावा किया कि उन्होंने केजरीवाल और मान की ‘भ्रष्टाचार की डिग्रियों’ का पर्दाफाश किया है।
‘आप’ के शीर्ष नेताओं पर भाजपा का ‘डिग्री’ कटाक्ष ऐसे वक्त आया है जब केजरीवाल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर उनकी शैक्षिक योग्यता को लेकर ज़ोरदार हमले बोल रहे हैं। अदालत की टिप्पणियों का हवाला देकर पूनावाला ने कहा कि यह साबित हो गया है कि रिश्वत दी गई थी। उन्होंने दावा किया कि अदालत ने जो कहा है कि वह उसकी टिप्पणियां नहीं हैं बल्कि निष्कर्ष हैं। भाजपा नेता ने दावा किया कि सिसोदिया संदिग्ध घोटाले के ‘सूत्रधार’’ हैं।
पूनावाला ने अदालत के आदेश को पढ़ा जिसमें केंद्रीय अन्वेषण एजेंसी (सीबीआई) के दावे भी शामिल हैं। उन्होंने दावा किया कि इससे साफ होता है कि विवादित शराब नीति की ‘योजना’ केजरीवाल के स्तर पर बनाई गई थी। इस नीति को अब रद्द कर दिया गया है। उन्होंने मान पर निशाना साधते हुए कहा कि पंजाब के आबकारी विभाग का इस्तेमाल शराब के एक थोक कारोबारी को अपना लाइसेंस छोड़ने के लिए मजबूर करने के लिए किया गया, क्योंकि उनके पंजाब में भी हित थे।
भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया, यह घोटाला सिर्फ सिसोदिया के दरवाज़े पर नहीं रुका है बल्कि इसमें केजरीवाल और मान तक शामिल हैं। इसने केजरीवाल और मान की भ्रष्टाचार की डिग्रियों का पर्दाफाश कर दिया है। उन्होंने कहा, अदालत के तीन निष्कर्ष हैं: प्रथम दृष्टया, सिसोदिया द्वारा 100 करोड़ की रिश्वत ली गई है। शराब घोटाला किसी एक व्यक्ति का नहीं है, बल्कि यह संस्थागत है। जांच में बाधा पहुंचाई जा रही है। (भाषा)