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राजकोषीय घाटे को काबू में रखने के लिए वित्त मंत्रालय कर रहा निगरानी

नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) ने चालू वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे (fiscal deficit) को काबू में रखने के उद्देश्य से एक मार्च से कर संग्रह सहित राजस्व प्राप्तियों के साथ-साथ व्यय की दैनिक निगरानी शुरू कर दी है।

हालांकि सरकार को संशोधित कर राजस्व अनुमानों को पूरा करने की उम्मीद है, लेकिन विनिवेश प्राप्तियों से 50,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य को हासिल करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। अधिकारियों का कहना है कि कर और गैर-कर राजस्व संग्रह की दैनिक निगरानी से जरूरत पड़ने पर समय पर सही कदम उठाने में मदद मिलेगी।

वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले लेखा महानियंत्रक ने एक मार्च की तारीख वाले एक परिपत्र में कहा, मार्च, 2023 में केंद्र सरकार की प्राप्तियों, व्यय और इनसे संबंधित राजकोषीय स्थिति पर करीब से नजर रखने के लिए, दैनिक आधार पर अद्यतन जानकारी होना आवश्यक है।

मंत्रालय ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxes) और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमाशुल्क बोर्ड (Central Board of Indirect Taxes and Customs) से भी आंकड़े देने को कहा है। इनके अलावा अन्य गैर-कर तथा विनिवेश प्राप्तियों की जानकारी भी दैनिक आधार पर देनी होगी। इसमें कहा गया कि रेलवे, रक्षा और पोत-पत्तन मंत्रालयों को भी ई-लेखा पोर्टल पर अपने लेखा आंकड़े प्रतिदिन अपलोड करने होंगे।

केंद्र सरकार ने 31 मार्च को खत्म होने जा रहे चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 6.4 फीसदी तय किया है। जनवरी तक यह 11.91 लाख करोड़ रुपये के साथ बजट अनुमान के 68 फीसदी तक पहुंच गया। शुद्ध कर प्राप्तियां बढ़कर 16.89 लाख करोड़ रुपये हो गईं जबकि कुल व्यय 31.68 लाख करोड़ रुपये रहा। चालू वित्त वर्ष में अब तक विनिवेश के जरिए 31,106 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं, जबकि पूरे वर्ष के लिए यह अनुमान 50,000 करोड़ रुपये है। (भाषा)

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