नई दिल्ली। बाजार में उपभोक्ता उत्पादों (consumer product) की मांग में थोड़ा सुधार हुआ है लेकिन चुनौतियां अब भी बनी हुई हैं और मानसून अच्छा रहने पर छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में साल की दूसरी छमाही में स्थिति सुधर सकती है। विप्रो कंज्यूमर केयर (Wipro Consumer Care) एंड लाइटिंग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विनीत अग्रवाल (Vineet Agarwal) ने यह बात कही है।
विप्रो एंटरप्राइजेज के प्रबंध निदेशक अग्रवाल ने कहा कि रोजमर्रा के इस्तेमाल के सामान (एफएमसीजी) क्षेत्र में रिलायंस के प्रवेश से कंपनी अनावश्यक रूप से परेशान नहीं है, क्योंकि उपभोक्ता ब्रांड के प्रति प्रतिबद्ध होते हैं। उन्होंने कहा कि छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में वृद्धि एफएमसीजी कंपनियों के लिए चुनौती है, हालांकि स्थिति में अब सुधार हो रहा है।
अग्रवाल ने कहा कि मांग के नजरिये से बाजार में थोड़ा सुधार हुआ है, लेकिन चुनौतियां कायम हैं। उन्होंने कहा, यह पुराने कोविड-पूर्व के समय की तरह नहीं है। मुझे लगता है कि छोटे शहर और ग्रामीण क्षेत्र अब भी चुनौती हैं, लेकिन चीजों में सुधार हो रहा है। उम्मीद है कि अगर मानसून अच्छा रहता है, तो हम बेहतर दूसरी छमाही देखेंगे। अच्छी बात यह है कि लागत मूल्य में कमी आई है। पिछले साल यूक्रेन युद्ध की वजह से लागत में उछाल आया था। जहां तक बाजार का सवाल है हमें सकारात्मक चीजें दिख रही हैं।’’
विप्रो कंज्यूमर केयर एंड लाइटिंग के पास चंदन साबुन ‘संतूर’ जैसे ब्रांड हैं। उन्होंने कहा, हमने साबुन के दाम पहले ही घटा दिए हैं। जो 100 ग्राम का साबुन पहले हम 38 रुपये में बेच रहे थे, वह अब घटकर 36 रुपये रह गया है। मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस (Reliance) के आक्रामक मूल्य निर्धारण के साथ एफएमसीजी खंड में प्रवेश के बारे में पूछे जाने पर अग्रवाल ने कहा कि इस क्षेत्र में सिर्फ दाम ही सबकुछ नहीं होता। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रिलायंस किसी भी श्रेणी में हो, उससे प्रतिस्पर्धा चुनौतीपूर्ण होती है। (भाषा)